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Travel & Culture

भगवान राम की तपोभूमि - चित्रकूट

Date : 21-Jan-2023

चित्रकूट धाम उत्तर विंध्य रेंज में स्थित एक छोटा सा पर्यटन शहर है। यह उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट और मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिलों में स्थित है। चित्रकूट हिंदू पौराणिक कथाओं और महाकाव्य रामायण की वजह से बहुत अधिक महत्व रखता हैं। पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं कि अपने निर्वासन के समय में भगवान राम, माता सीता और श्री लक्ष्मण ने 14 में से 11 वर्ष का वनवास इसी स्थान पर गुजारा था।

चित्रकूट शहर के पर्यटन और आकर्षण स्थल

चित्रकूट धाम विभिन्न पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है। चित्रकूट की यात्रा करने वाले सैलानियों को इसके आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा भी जरूर करनी चाहिए। तो आइए हम आपको चित्रकूट के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस की सैर इस आर्टिकल के माध्यम से कराते हैं।

गुप्त गोदावरी

चित्रकूट में घूमने वाला स्थान गुप्त गोदावरी राम घाट के दक्षिण में 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक आकर्षित गुफा है। माना जाता हैं कि गोदावरी गुफा के अंदर की चट्टानों से एक बारहमासी धारा निकलती हैं और गोदावरी नदी की और एक अन्य चट्टान में बहती हुई गायब हो जाती हैं। एक अन्य रहस्यमयी बात यह हैं कि एक विशाल चट्टान को छत से बाहर निकलते हुए देखा जाता है। कहते हैं कि यह विशाल दानव मयंक का अवशेष है।

जलप्रपात और दंतेवाड़ा मां काली मंदिर

चित्रकूट में घूमने के स्थानों में चित्रकूट जलप्रपात एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस खूबसूरत स्थान तक पहुंचना थोडा मुस्किल होता हैं। यहां तक जाने के लिए आपको जगदलपुर से कार बुक करनी होती है। इसके अलावा चित्रकूट के दर्शनीय स्थलों में दंतेवाड़ा मां काली मंदिर के दर्शन करना भूले जोकि चित्रकूट से लगभग 3 घंटे की दूरी पर हैं।

राम घाट 

चित्रकूट में दर्शन करने वाली जगह राम घाट मंदाकनी नदी के किनारे पर बना हुआ हैं। कुछ कथाओं से पता चलता हैं कि वनवास काल के समय में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने इस जगह पर कुछ समय व्यातीत किया था। सुबह के समय भक्तगण स्तुति करने के लिए नदी में खड़े होते होते हैं।

सती अनुसुइया आश्रम

चित्रकूट का पर्यटन स्थल सती अनुसुइया आश्रम शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगल में स्थित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसूया और तीन पुत्रों के साथ इस स्थान पर निवास करते थे। भगवान राम ने देवी सीता के साथ इस स्थान का दौरा किया था और देवी अनुसुइया ने इसी स्थान पर सीता जी को सतित्त्व का महत्व बताया था। चित्रकूट आने वाले पर्यटक इस पावन स्थान का दौरा करते हैं।

हनुमान धारा

चित्रकूट धाम के दर्शनीय स्थलों में हनुमान धारा एक प्रमुख पर्यटक स्थल हैं जोकि चित्रकूट पर्यटन स्थल से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकूट के जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित हैं। यह स्थान हनुमान जी महाराज को समर्पित हैं और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सलानियों 360 सीढ़ियां चढ़के जाना होता है। चित्रकूट में भगवान राम की गाथाओं से पता चलता हैं कि लंका में आग लगाने के बाद बजरंग बलि ने इस पहाड़ी पर छलांग लगाई थी और अपनी गुस्सा को शांत करने के लिए इस धारा के ठन्डे पानी में खड़े होकर अपनी गुस्सा को शांत किया था। इसलिए चित्रकूट धाम की इस धारा को हनुमान धारा के नाम से जाना जाता है।

भरत मिलाप मंदिर

चित्रकूट के दर्शनीय स्थलों में भरत मिलाप मंदिर परम दर्शनीय स्थान है जोकि परम कुटीर के नजदीक स्थित हैं। राम और भरत का मिलाप इस स्थान पर उस समय हुआ था जब भरत भगवान राम के वन जाने के बाद उनसे मिलने के लिए यहां आते हैं। भरत मिलाप की इस कथा के साथ ही भगवान राम के पद चिन्हों के निशान आज भी इस स्थान पर हैं।

कामदगिरी पर्वत

चित्रकूट के पवित्र और रमणीय स्थानों में शामिल यहां का कामदगिरि पर्वत्त यहां आने वाले टूरिस्टों को अति-प्रिय लगता हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार इस खूबसूरत सृष्टी की रचना करते समय परम पिता ब्रह्मा जी ने चित्रकूट के इस पावन स्थान पर 108 अग्नि कुंडों के साथ हवन किया था। अपने निर्वासन काल के दौरान भगवान राम ने भी इस स्थान पर कुछ समय व्यतीत किया था। धनुषाकार इस पर्वत पर एक विशाल झील है जो सैलानियों को आकर्षित करती हैं।

जानकी कुण्ड

चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में शामिल जानकी कुंड मंदाकनी नदी का एक सुंदर किनारा हैं। इस किनारे पर सीढियां बनी हुई हैं और यहां पर मिलने वाले पैरों के चिन्हों को माता जानकी के पैरो के निशान माने जाते हैं। भगवान राम के वनवास के दौरान यह स्थान माता जानकी का सबसे पसंदीदा स्थान था। जानकी कुंड के पास ही राम जानकी मंदिर बना हुआ हैं और यहां हनुमानी जी की विशाल मूर्ती के दर्शन भी किए जा सकते हैं।

स्फटिक शिला

चित्रकूट का दर्शनीय स्थल स्फटिक शिला चित्रकूट में जानकी कुंड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मंदाकनी नदी के तट पर स्थित है। चित्रकूट के घने जंगल में स्थित इस स्थान पर एक शिला पर भगवान राम के पैरो के निशान पर्यटकों को देखने के लिए मिल जाते हैं। माना जाता हैं कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता का यहां श्रृंगार किया था। यह वही स्थान हैं जहां जयंत नाम के एक कौवा ने सीता जी को काट लिया था जोकि एक राक्षस था।

परम कुटी 

चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में परम कुटी एक पवित्र स्थान हैं, जोकि निर्वासन काल के दौरान श्री लक्ष्मण ने भगवान राम और सीता जी के लिए एक झोपडी के रूप में बनाई थी। जंगल से बांस और अन्य जंगली वस्तु एकत्रित करके इस परम कुटी को बनाया गया था।

भरत कूप

चित्रकूट धाम में देखने के लिए भरत कोप एक पावन स्थान हैं। चित्रकूट के पश्चिम में लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर भरतपुर गांव के पास एक विशाल कुआ हैं। माना जाता है कि जब भरत भगवान श्री राम को वन से वापिस लाने में असमर्थ हो जाते है, तो वह अत्रि महर्षि की आज्ञानुसार सभी पावन स्थानों से जल लाकर इस कुएं में डालते हैं।

लक्ष्मण चौकी

चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में लक्ष्मण चौकी राम शिया चट्टान से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, टूरिस्ट आसानी से इस स्थान पर घूमने पहुंच जाते हैं। भगवान राम और माता सीता की रक्षा के लिए श्री लक्ष्मण इस चट्टान पर बैठकर पहरेदारी करते थे। चट्टान पर लक्ष्मण के पैरो के निसान देखे जा सकते हैं।

राम सिया गांव

चित्रकूट में देखने लायक स्थान में शामिल राम सिया गांव चित्रकूट टूरिस्ट प्लेस का एक अहम हिस्सा हैं। चित्रकूट टूरिस्ट प्लेस राम सिया गांव पिल्ली-कोठी आश्रम से 3 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम में बिहारा के पास स्थित हैं। इस स्थान के बारे में कहाँ जाता हैं कि वनवास के दौरान भगवान राम और सीता जी एक विशाल शिला पर विश्राम करते थे। यहां पर धनुष और विस्तर के निशान होने की बात कही जाती हैं।

वाल्मीकि आश्रम

चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में वाल्मीकि आश्रम एक प्रमुख स्थान है जोकि इलाहाबाद रोड पर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पवित्र आश्रम वाल्मीकि नदी के तट पर एक उंची पहाड़ी पर स्थित है। भगवान राम की कथाओं से यह पता चलता हैं, कि 14 वर्षो का वनवास भोगने के बाद भगवान राम ने जब माता सीता का त्याग कर दिया था। तब वह इसी स्थान पर रुकी थी और लव-कुश नामक दो बालको को जन्म दिया था।

मयूरध्वज आश्रम

चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में मयूरध्वज आश्रम चित्रकूट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में पथरा पाल देव के पास स्थित है। चित्रकूट का यह रमणीय आश्रम खूबसूरत पहाड़ियों और आकर्षित झरनों से घिरा हुआ हैं।

सुतीक्ष्ण आश्रम

चित्रकूट का टूरिस्ट प्लेस सुतीक्ष्ण आश्रम यहां के प्रमुख सरभंग आश्रम से 4 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित बुंदेलखंड का एक बहुत सुन्दर स्थान हैं। महर्षि सुतीक्ष्ण के दर्शन की इक्षा मन में लिए भगवान राम इस स्थान पर आए थे। इस स्थान पर पहाड़ों से नीचे कुंड की ओर जाने वाली एक धारा प्रवाहित होती हैं, जिसे धाकुंडी के नाम से जाना जाता हैं।

प्रमोद वन

चित्रकूट में घूमने वाली जगह प्रमोद वन राम घाट से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में सतना रोड पर स्थित है। एक सुंदर बगीचे के रूप में जाना जाने वाला यह स्थान मंदाकनी नदी के किनारे पर स्थित हैं। प्रमोद वन का निर्माण रीवा के महाराज विश्वनाथ प्रताप सिंह जूदेव ने करबाया था। प्रमोद वन के पास स्थितदास हनुमानचित्रकूट का एक अन्य टूरिस्ट स्थान हैं।

विराध कुंड 

चित्रकूट में देखने वाले स्थानों में विराध कुंड अमरावती आश्रम रोड पर बंबीहा और टिकरिया गांव में स्थित एक विशाल कुंड हैं। शबरी फॉल से इसकी दूरी लगभग 6 किलोमीटर हैं। माना जाता हैं कि इस जलाशय का पानी पाताललोक तक पहुंचता है। पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं, कि इस स्थान पर एक विरध नाम का राक्षस रहता था। जिसे बाद में भगवान राम ने मारा था। यह राक्षस इस कुंड के जरिए पाताललोक भाग जाया करता था।

शबरी फाल्स

चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में शबरी फाल्स मारकुंडी गांव से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर जमुनीहाई गांव के पास मंदाकनी नदी के उद्गम स्थान पर एक खूबसूरत झरना हैं।

शरभंग आश्रम

चित्रकूट के दर्शनीय स्थानों में शरभंग मुनि का आश्रम यहां के प्रसिद्ध सती अनुसूया आश्रम से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इस स्थान पर भगवान शिव का मंदिर और गंगा कुंड हैं। आश्रम के पास ही यहां आने वाले टूरिस्ट पहाड़ी के तल पर 108 यज्ञ वेदिकोंओं को देख सकते है। ऋषि सरभंग ने भगवान राम के दर्शन भी इसी स्थान पर किए थे।

 
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