रायपुर, 16 नवंबर 2024 | छत्तीसगढ़ में पिछले साल दिसम्बर में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद से शहरों में प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों में तेजी आई है। दिसम्बर-2023 से अक्टूबर-2024 के बीच पिछले 11 महीनों में ही करीब 50 हजार आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हर गरीब के लिए आशियाने के सपने को पूरा करने का काम छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहा है। दिसम्बर-2023 में राज्य में नई सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों में तेजी लाते हुए 49 हजार 834 आवासों का काम पूर्ण किया गया है। इनमें विभिन्न शहरों के हितग्राहियों द्वारा अपनी खुद की जमीन पर बनाए गए 44 हजार 419 और योजना के साथ भागीदारी में किफायती आवासीय परियोजनाओं के माध्यम से निर्मित 5415 आवास शामिल हैं।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि बीते 11 महीनों में योजना की भौतिक और वित्तीय प्रगति में अच्छी तेजी आई है। सभी नगरीय निकायों में बनाए जा रहे आवासों और निर्माण एजेंसियों के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है और उन्हें गरीबों के आशियाने के सपने को जल्द पूरा करने के लिए तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 महीनों के दौरान हर माह औसतन हितग्राहियों द्वारा अपनी खुद की भूमि में बनाए जा रहे 4002 मकानों के काम पूर्ण किए गए हैं, जबकि वर्ष 2018 से 2023 के बीच यह औसत केवल 1592 थी। योजना के साथ भागीदारी में बनाए जा रहे किफायती आवासीय परियोजनाओं के निर्माण और आबंटन में भी तेजी लाते हुए विगत 11 महीनों में 7348 परिवारों को आवास आबंटित कर 5855 हितग्राहियों को पूर्ण आवासों में व्यवस्थापित किया गया है।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के लिए भी प्रदेश में सर्वेक्षण शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत ऐसे शहरी पात्र परिवार जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में आवास नहीं मिल पाए थे, उन्हें पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में हितग्राहियों की सुविधा के लिए आवास हेतु आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। आवास के आवेदन सरलतापूर्वक ऑनलाईन माध्यम से भारत सरकार के अधिकृत पोर्टल पर स्वयं हितग्राही द्वारा दर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 189 अधिसूचित नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के माध्यम से भी आवेदन की प्रक्रिया संपादित की जा सकती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत राज्य के विभिन्न नगरीय निकायों में कुल दो लाख 49 हजार 166 आवास स्वीकृत हैं। इनमें लाभार्थियों द्वारा अपनी खुद की भूमि पर बनाए जाने वाले दो लाख 11 हजार 069 और किफायती आवासीय परियोजनाओं के तहत बनने वाले 38 हजार 097 आवास शामिल हैं। शहरी गरीबों के स्वयं के पक्के मकान का सपना जल्द से जल्द पूरा करने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तेजी से इन आवासों का निर्माण किया जा रहा है। योजना के तहत राज्य में अब तक कुल एक लाख 96 हजार 967 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं, जिनमें से एक लाख 74 हजार 967 आवास हितग्राहियों द्वारा बनाए गए हैं। वहीं किफायती आवासीय परियोजनाओं के तहत 21 हजार 600 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय निकायों में अभी कुल 48 हजार 346 आवासों का काम प्रगति पर है, जिन्हें तेजी से पूरा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के लिए सर्वेक्षण शुरू, नए हितग्राहियों को भी अब मिलेंगे आवास
पिछले 11 माह में लगभग 50 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण
“आप अपनी जिज्ञासा व्यक्त तो कीजिए, तब देखूंगा कि मैं उसका समाधान कर सकता हूँ या नहीं |”
“देवी! अमेरिका में मुझे सबसे अधिक सुखी और सपन्न व्यक्ति समझा जाता है परन्तु मैं जनता हूँ कि मुझसे अधिक दु:खी इस संसार में शायद ही कोई अन्य हो” यह कहते हुए लिंकन का गला भर आया और वे उससे आगे कुछ भी बोलने में असमर्थ रहे | वह महिला भी लिंकन की मातृभक्ति की मन ही मन प्रशंसा करती हुए किसी प्रकार भारी मन से वहां से विदा हुई |
कोरबा | छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं एवं फैसलों से अन्न उपजाने वाले किसानो में प्रसन्नता व्याप्त है। जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर किसानों से जिले के 65 उपार्जन केंद्रों में जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी के लिए टोकन वितरण, बारदाने की उपलब्धता, इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन, भुगतान आदि की समुचित व्यवस्था करने के साथ धान खरीदी सुचारू रूप से शुरू की गई है। उपार्जन केन्द्र पोड़ी में अपनी उपज विक्रय के लिए पहुंचे विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम टुनियाकछार के रहने वाले किसान श्री जे. पी. सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती माधुरी देवी ने प्रशासन द्वारा केंद्र में धान विक्रय के लिए किसानों हेतु दी गई सहूलियत से खुश हैं।
माधुरी देवी ने कहा कि आज उनकी मेहनत रंग लाई है और वे धान विक्रय के लिये उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि जून-जुलाई के महीने में खेत की जुताई से लेकर नवम्बर-दिसम्बर में फसल की कटाई तक किसान का पूरा समय फसल की देखरेख में गुजरता है। किसान अच्छी फसल के उत्पादन के लिए कड़ी मेहनत व अथक परिश्रम करता है एवं उसे खुशी अपने उपज को उपार्जन केंद्र में पहुँचाकर मिलती है। उन्होंने बताया कि उनकी 17 एकड़ कृषि भूमि है। जहाँ वे खरीफ मौसम में धान की पैदावार लेते है। आज धान खरीदी के पहले दिन वे समिति में लगभग 10 क्विंटल धान बेचने आए हैं। आने वाले दिनों में उनके द्वारा और भी धान का विक्रय किया जाएगा। केंद्र में उन्हें धान विक्रय में किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई। महतारी वंदन योजना से हर माह एक हजार रुपए मिलने से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है इसके साथ ही फसलों का उचित दाम मिलने से उन्हें भी संबल मिल रहा है।
माधुरी देवी के पति किसान श्री जे. पी. सिंह ने खरीदी केंद्र में प्रशासन द्वारा की गई समुचित व्यवस्था को देखकर हर्ष प्रकट किया। उन्होंने बताया कि उनके परिश्रम, फसल की उचित देखरेख एवं क्षेत्र में हुए अच्छी बारिश से इस वर्ष उनकी फसल अच्छी हुई है, जिसके विक्रय से उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि समिति प्रबंधक द्वारा केंद्र में किसानों के लिए सभी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्हें धान विक्रय के लिए टोकन मिलने, बारदाना उपलब्धता के साथ ही धान तौलाई का कार्य भी बहुत ही सरलता से हो गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस वर्ष 3100 रुपए प्रति क्विंटल एवं 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होने से किसानों को उनकी उपज का वास्तविक मूल्य मिल रहा है। कृषक श्री सिंह ने बताया कि उनके द्वारा विगत वर्ष 210 क्विन्टल धान विक्रय किया गया था एवं 06 लाख रूपए तक का आय अर्जित किया गया था। आज उनके द्वारा पहला टोकन प्राप्त कर लगभग 10 क्विंटल धान विक्रय किया गया है एवं कुछ दिनों में उनके द्वारा और धान का विक्रय भी किया जाएगा। किसान श्री जे. पी. सिंह ने कहा कि सरकार की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का सकारात्मक प्रयास है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा एवं उनकी आय में वृद्धि के साथ ही आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने सरकार के कहे वादे अनुसार निर्धारित समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए राज्य सरकार के मुखिया श्री विष्णुदेव साय व जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उत्तर बस्तर कांकेर | किसानों को उनकी मेहनत की पाई-पाई का हिसाब देने कृत संकल्पित प्रदेश सरकार आज से 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है। जिन किसानों ने आज का टोकन कटाया, वे आज सुबह से ही उपार्जन केंद्रों में ले जाकर धान को बोरियों में भरते, छल्ली मारते और तौल कराते हुए नजर आए। प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदने सहित 31 सौ रुपए की प्रोत्साहन राशि के मान से धान खरीदे जाने पर किसानों के चेहरे पर खुशी और संतुष्टि के भाव परिलक्षित हो रहे हैं। उपार्जन केंद्रों में धान बेचने आए किसानों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि साय सरकार ने पहली बार उनके खून पसीने की कमाई का मोल चुकाया है। उन्होंने सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस ऐतिहासिक कार्य के लिए भूरि भूरि सराहना की।
‘पहली बार किसी सरकार ने माटीपुत्रों का किया सच्चा सम्मान‘ -
जिले की नगर पंचायत चारामा स्थित कृषि उपज मंडी में आज सुबह 9.00 बजे से ही धान बेचने वाले किसानों का तांता लग गया। वहां पर धान बेचने आए चारामा विकासखण्ड के ग्राम जैसाकर्रा के 58 वर्षीय किसान श्री राजेंद्र साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार 31 सौ रुपए में किसानों से धान खरीद रही है यह माटीपुत्रों का सच्चा सम्मान है। इतने सालों की किसानी में पहली बार धान के एक-एक दाने का मोल चुकाने वाली साय सरकार ने सही मायने में किसानों का दर्द पहचाना है। इसी तरह ग्राम दल्लीडीह से आए युवा किसान श्री जगदीश राम साहू ने खुशी-खुशी बताया कि वे पहले ही दिन आज मंडी में 25 क्विंटल धान बेचने आए हैं और इसके एवज में एकमुश्त पैसा मिलेगा जिसका उपयोग खेत के सुधार कार्य में लगाएंगे। इसी मंडी में ग्राम चारभाटा से आई महिला किसान श्रीमती गोदावरी साहू ने भी कहा कि 31 सौ रुपए मिलने से उनके बहुत से पारिवारिक जरूरतों के काम पूरे हो जाएंगे। समिति प्रबंधक ने बताया कि चारामा मंडी में आज पहले दिन धान बेचने के लिए 31 किसानों को टोकन ऑनलाइन प्राप्त हुआ है।
किसी सपने को साकार करने जैसा है 3100 रूपए में धान बेचना- श्री सोनसाय
भानुप्रतापपुर ब्लॉक के कोरर धान उपार्जन केंद्र में ग्राम रानवाही से आए किसान श्री सोनसाय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि उनके पास 06 एकड़ खेत है और आज 95 कट्टा धान बेचने कोरर मंडी में आए हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने ऑनलाइन टोकन ले लिया था और पहले दिन के लिए टोकन मिल गया। श्री सोनसाय ने कहा- ‘‘31 सौ रुपए क्विंटल में धान बेचना किसानों के लिए किसी सपने के जैसा है, जिसे साय सरकार ने पूरा किया है।‘‘ इसी मंडी में धान बेचने आए किसान श्री पूरण सिंह नायक, रामचरण कुंजाम, गुड्डी बाई और सुमित्रा साहू ने भी किसानों की दशा और दिशा संवारने के क्षेत्र में प्रदेश सरकार का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कार्य बताया। उक्त समिति में धान बेचने आज प्रथम दिवस 10 किसानों को टोकन मिला था।
इसी तरह कांकेर ब्लॉक के ग्राम मरकाटोला लैंपस में धान बेचने आए 59 वर्षीय किसान श्री कंसलाल रावटे ने बताया कि उनकी 13 एकड़ की खेती है और आज वे अपना धान बेचने आए हैं। उन्होंने साय सरकार द्वारा 31 सौ रुपए में धान खरीदने के लिए आभार जताया। इसी मंडी में ग्राम बाबूदबेना से धान बेचने आईं श्रीमती प्रभा बाई गंवर ने कहा कि समिति में अच्छी व्यवस्था के साथ आज से धान खरीदी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि वह 103 क्विंटल धान बेचने आई है और इस राशि को भविष्य के लिए बचत करने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इसी प्रकार कांकेर के ग्राम बारदेवरी के बुजुर्ग किसान श्री बृजलाल कवाची ने बताया कि 06 एकड़ खेत का 100 कट्टा धान बेचने आए हैं और 3100 रुपए में धान खरीदने के सरकार के इस अभूतपूर्व कदम के लिए प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया।
उल्लेखनीय है कि देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने ’मोदी की गारंटी’ के तहत किसानों से 31 सौ रुपए के मान से धान खरीदने की घोषणा 2023 में की थी, जिसके तहत आज से प्रदेश भर में उत्सवपूर्ण वातावरण में किसानों से धान खरीदा जा रहा है। कलेक्टर श्री निलेश महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले के सभी 149 धान उपार्जन केन्द्रों में आज से धान की खरीदी प्रारम्भ हो चुकी है। सभी केन्द्रों में नापतौल मशीन, कांटा-बांट, बारदाने तथा औजारों आदि की विधिवत पूजा-अर्चना करके धान खरीदी शुरू की गई। शासन द्वारा किसानों के बैंक खातों में राशि एकमुश्त अंतरित की जाएगी।