“आप अपनी जिज्ञासा व्यक्त तो कीजिए, तब देखूंगा कि मैं उसका समाधान कर सकता हूँ या नहीं |”
“देवी! अमेरिका में मुझे सबसे अधिक सुखी और सपन्न व्यक्ति समझा जाता है परन्तु मैं जनता हूँ कि मुझसे अधिक दु:खी इस संसार में शायद ही कोई अन्य हो” यह कहते हुए लिंकन का गला भर आया और वे उससे आगे कुछ भी बोलने में असमर्थ रहे | वह महिला भी लिंकन की मातृभक्ति की मन ही मन प्रशंसा करती हुए किसी प्रकार भारी मन से वहां से विदा हुई |