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" लक्ष्य निर्धारण एक सम्मोहक भविष्य का रहस्य है " -टोनी रॉबिंस

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अक्षय तृतीया विशेष : महत्व एवं शुभ मुहूर्त

Date : 10-May-2024
अक्षय तृतीया शाश्वत समृद्धि और प्रचुरता का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य स्थायी सफलता और भाग्य सुनिश्चित करता है। 'अक्षय' शब्द शाश्वत का प्रतीक है, जबकि 'तृतीया' शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन को दर्शाता है। यह नई शुरुआत के लिए चिह्नित दिन है, चाहे वह व्यवसाय शुरू करना हो, नई नौकरी शुरू करना हो या धार्मिक अनुष्ठान करना हो ।
अक्षय तृतीया को आखा तीज और कृतयुगादि तृतीया भी कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि को हुआ था। धार्मिक नजरिए से अक्षय तृतीया का विशेष महत्व होता है इसलिए इस युगादि तिथि के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन परशुराम का जन्म हुआ था। इस तिथि पर भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था। अक्षय तृतीया के दिन ही मां गंगा आक अवतरण हुआ था। मान्यता है कि इस दिन स्नान,दान,जप,होम,स्वाध्याय, तर्पण आदि जो भी कर्म किए जाते हैं,वे सब अक्षय हो जाते हैं। 
वैदिक पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगी, जिसका समापन 11 मई को सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में मौजूद होंगे। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन किया जाने वाले शुभ कार्य सफल सिद्ध होगा।
 
 
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