इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दमिश्क में सीरियाई शासन के सैन्य मुख्यालय पर हमला किया है। आईडीएफ ने इस कार्रवाई का कारण ड्रूज़ नागरिकों को बढ़ते खतरे को बताया है।
पिछले 24 घंटों में इज़राइली विमानों ने दक्षिणी सीरिया के स्वीदा क्षेत्र की ओर बढ़ रहे टैंकों, रॉकेट लांचरों और सशस्त्र वाहनों को भी निशाना बनाया। सीरियाई स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में एक नागरिक की मौत हुई है जबकि 18 अन्य घायल हुए हैं।
यह हमला उस समय हुआ जब ड्रूज़ लड़ाकों और सीरियाई शासन समर्थक बलों के बीच हिंसक झड़पें तेज हो गईं। सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि अब तक कम से कम 19 ड्रूज़ नागरिक मारे जा चुके हैं। संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब एक ड्रूज़ व्यक्ति पर सशस्त्र बेडौइन समूह द्वारा हमला किया गया।
इस बीच, गोलान हाइट्स से दर्जनों इज़राइली ड्रूज़, सीमा पार कर सीरिया में अपने रिश्तेदारों की मदद के लिए पहुंचे हैं।
ड्रूज़ समुदाय, जिसकी वैश्विक आबादी लगभग दस लाख है, मुख्य रूप से सीरिया, लेबनान और इज़राइल में बसा है। 11वीं शताब्दी में मिस्र में उत्पन्न यह संप्रदाय इस्लाम की एक विशेष शाखा का पालन करता है, जो धर्मांतरण और अंतर्जातीय विवाह की मनाही करता है।
सीरिया के दक्षिण और गोलान हाइट्स क्षेत्रों में रह रहे ड्रूज़ खुद को सीरियाई मानते हैं और आमतौर पर इज़राइली नागरिकता को स्वीकार नहीं करते। मौजूदा संघर्ष इस समुदाय को एक बार फिर दो राजनीतिक ताकतों के बीच फंसे होने की त्रासदी की ओर धकेल रहा है।