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एक दिसंबर से कोरला नाका बंद होने से चीन–नेपाल व्यापार पर संकट, व्यावसायियों में बढ़ी चिंता

Date : 09-Nov-2025

काठमांडू, 09 नवंबर । नेपाल और चीन को जोड़ने वाला प्रमुख सड़क मार्ग पहले से ही बाढ़ के कारण अवरुद्ध हैं। अब अत्यधिक ठंड के कारण चीनी पक्ष ने मुस्तांग स्थित कोरला नाका को अगले माह 1 दिसंबर से बंद करने का निर्णय लिया है, ऐसे में व्यापारियों की चिंता और बढ़ गई है।

नेपाल उद्योग वाणिज संघ के अध्यक्ष केंद्र ढकाल ने कहा कि रसुवा और तातोपानी नाका के लंबे समय से बंद रहने के कारण त्यौहारों के लिए चीन से मंगाए गए अरबों रुपये मूल्य के सामान तिब्बत में ही अटके हुए थे, जिससे व्यापारी गंभीर संकट में पड़ गए थे। कोरला नाका दूरी में अधिक होने से यह मार्ग व्यापार के लिए अपेक्षाकृत महंगा है। वर्तमान में रसुवा नाका पूरी तरह से बंद है, जबकि तातोपानी नाके से चीन की ओर से प्रतिदिन केवल पांच से दस कंटेनर नेपाल भेजे जा रहे हैं।

नेपाल चीन व्यापार साँझ के अध्यक्ष त्रिभुवन तुलाधर ने बताया कि नेपाल के हजारों कंटेनर अब भी तिब्बत की ओर फंसे हुए हैं। कई व्यापारियों ने अतिरिक्त भाड़ा चुकाकर अपने कंटेनरों को तातोपानी से कोरला मार्ग की ओर मोड़ा था। तुलाधर ने कहा कि समुद्री मार्ग से सामान मंगाने की लागत भले ही कम हो, लेकिन गंतव्य तक पहुंचने में तीन माह से अधिक समय लगने के कारण वस्तुओं की बिक्री का मौसम निकल जाता है और पूंजी लंबे समय तक फंसी रहती है, जिससे व्यापारी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, कोरला नाके से चीन से खरीदे गए माल एक महीने के भीतर ही गंतव्य तक पहुंच जाते थे, जिससे व्यापारी इस मार्ग से संतुष्ट थे।

अब रसुवा और तातोपानी नाकों की दयनीय स्थिति के बीच 1 दिसंबर से कोरला नाका भी बंद होने जा रहा है, जिससे चीन के साथ व्यापार करने वाले नेपाली व्यापारी गहरी अनिश्चितता और संकट की स्थिति में हैं।

 
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