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वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित NAL सौर विमान, जानें खासियत

Date : 16-Sep-2024

देश के वैज्ञानिकों ने युद्ध के दौरान दुश्मनों की निगरानी और टोह लेने के लिए सौर विमान बनाया है। यह लगातार 90 दिन हवा में रह सकता है। दुश्मन पर नजर रखने के साथ यह पेलोड ले जाने में सक्षम है।

देश के वैज्ञानिकों ने युद्ध के दौरान दुश्मनों की निगरानी और टोह लेने के लिए सौर विमान बनाया है। यह लगातार 90 दिन हवा में रह सकता है। दुश्मन पर नजर रखने के साथ यह पेलोड ले जाने में सक्षम है। नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (NAL), बेंगलूरू के वैज्ञानिक इसका सफल परीक्षण कर चुके है। मानव रहित सौर विमान NAL ने विकसित किया है। यह 17-20 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने के लिए रात-दिन संचालित किया जा सकता है। एनएएल के मुताबिक युद्ध के समय सतत निगरानी के साथ यह वायु रक्षा हथियार के रूप में काम कर सकता है। इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला ने कर्नाटक के चल्लकेरे में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की वैमानिकी परीक्षण रेंज में हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट (HAPS) नाम के इस सौर विमान का परीक्षण किया था। विमान में पेलोड और सभी उड़ान उपकरण लगाए गए थे। इसे 90 दिन तक आसमान में रखना वायुमंडल की दशा और उपकरणों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।

सेटेलाइट के मुकाबले काफी सस्ता

एनएएल के एचएपीएस कार्यक्रम प्रमुख डॉ. एल वेंकटकृष्णन ने बताया कि सौर विमान सेटेलाइट के मुकाबले काफी सस्ता है। परीक्षण के दौरान विमान ने साढ़े आठ घंटे से ज्यादा की उड़ान क्षमता समेत सभी मानकों को पूरा किया। यह एक किलोग्राम पेलोड के साथ उड़ान भर सकता है और 150-200 मीटर लंबे क्षेत्र से उड़ान भरने में सक्षम है।

अमरीका समेत कई देशों में भी तैयारी

सही सेंसर से लैस होने पर सौर विमान का इस्तेमाल दुश्मन के इलाके पर निगरानी के लिए किया जा सकता है। इससे पहले यूरोपीय कंपनी एयरबस ने जेफायर नाम का सौर विमान बनाया था। इसका अमरीका के एरिजोना रेगिस्तान में लगातार 64 दिन उड़ान का प्रदर्शन किया गया था। अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी और न्यूजीलैंड भी ऐसा विमान बनाने की तैयारी में जुटे हैं।

 
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