भारत सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) की पहुँच का उल्लेखनीय विस्तार किया है। यह पहल अब सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, 751 जिलों को कवर करते हुए, क्रियाशील है। 30 जून तक, इस कार्यक्रम के तहत कुल 1,704 डायलिसिस केंद्र कार्यरत हैं।
यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
पीएमएनडीपी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत क्रियान्वित किया जा रहा है ताकि अंतिम चरण के गुर्दे की विफलता से पीड़ित रोगियों को निःशुल्क डायलिसिस सेवाएँ प्रदान की जा सकें। यह कार्यक्रम हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस, दोनों सेवाओं का समर्थन करता है। मंत्रालय के अनुसार, डायलिसिस सेवाओं की शुरुआत और विस्तार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उनकी वार्षिक कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं के भाग के रूप में किए गए अंतराल आकलन पर आधारित है।
शुरुआत में, सरकार ने सभी ज़िला अस्पतालों में हीमोडायलिसिस केंद्र स्थापित करने की सिफ़ारिश की थी। स्थानीय ज़रूरतों के आधार पर, राज्यों को तालुका स्तर पर, खासकर दूरदराज और आदिवासी इलाकों में, सुविधाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) तक सीमित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
एनएचएम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को डायलिसिस केंद्रों की स्थापना और संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है, ताकि भौगोलिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी के लिए किडनी देखभाल सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित की जा सके।