अक्सर लोग डाइटिंग को भूखा रहने या बहुत कम खाने से जोड़ लेते हैं, लेकिन यह एक गलतफहमी है। डाइटिंग का असली उद्देश्य है—संतुलित और पौष्टिक भोजन लेना। जरूरत से ज्यादा खाना कम करने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे पेट दर्द, गैस, और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
तनाव और चिड़चिड़ापन
डाइटिंग के दौरान यदि आप बार-बार चिड़चिड़े हो रहे हैं या तनाव महसूस कर रहे हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका शरीर ज़रूरी पोषण से वंचित है। ऐसे में डाइटिंग को कुछ समय के लिए रोक दें और डॉक्टर से सलाह लें।
ज्यादा भूख लगना
यदि डाइटिंग शुरू करने के बाद आपको लगातार अधिक भूख लगने लगे, तो यह भी संकेत हो सकता है कि आपका शरीर पर्याप्त ऊर्जा नहीं पा रहा। ऐसे में अपनी डाइट को कुछ समय के लिए बंद करना बेहतर है, ताकि आप स्वस्थ्य रूप से अपनी जीवनशैली को बनाए रख सकें।
अनियमित पीरियड्स
महिलाओं में डाइटिंग के कारण मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ सकता है, जिससे हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं। इसका असर मासिक धर्म चक्र पर पड़ता है और पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखें तो डाइटिंग तुरंत रोकें और चिकित्सक से संपर्क करें।
डाइटिंग का उद्देश्य स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली अपनाना होना चाहिए, न कि खुद को भूखा रखना। यदि डाइटिंग करते समय आपका शरीर कोई नकारात्मक संकेत दे रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें और समय रहते विशेषज्ञ से सलाह लें।