गर्मियों में एक बेहद फायदेमंद फल आता है जिसका नाम है जामुन। खासतौर पर मधुमेह यानी शुगर के मरीजों के लिए यह किसी दवा से कम नहीं माना जाता। आयुर्वेद में जामुन को काफी उपयोगी बताया गया है, खासकर डायबिटीज को कंट्रोल करने में। जामुन शरीर से शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करता है, चाहे वह खून में हो या टॉयलेट के माध्यम से बाहर निकलने वाली शुगर हो। इसके अलावा यह पेट को स्वस्थ रखने, पाचन सुधारने, दांतों, आंखों, चेहरे, किडनी स्टोन और लिवर से जुड़ी समस्याओं में भी लाभकारी है। इसमें विटामिन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करता है।
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए जामुन बेहद लाभकारी है। आयुर्वेद में न केवल इसके फल, बल्कि गुठली और पत्तों का भी उपयोग किया जाता है।
मधुमेह में जामुन के इस्तेमाल के कई तरीके हैं। पहले तरीके में, जामुन की गुठली को पीसकर चूर्ण बना लें। फिर उसमें बराबर मात्रा में शुण्ठी (सोंठ) चूर्ण और उससे दुगुनी मात्रा में गुड़मार बूटी मिलाएं। इस मिश्रण को पीसकर चूर्ण तैयार करें और छान लें। इसे एलोवेरा जूस के साथ लिया जा सकता है, या फिर इसकी गोलियां बनाकर दिन में तीन बार सेवन किया जा सकता है। यह मिश्रण शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
दूसरे तरीके में, करीब 100 ग्राम जामुन की जड़ लें और अच्छी तरह धोकर पीस लें। इसमें थोड़ी मिश्री (लगभग 20 ग्राम) मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। यह भी डायबिटीज के लिए लाभकारी होता है।
तीसरे उपाय में, 250 ग्राम पकी हुई जामुन को आधा लीटर उबलते पानी में डाल दें। थोड़ी देर उबालने के बाद पानी को ठंडा होने दें और फिर जामुन को मैश करके छान लें। इस पानी को दिन में तीन बार पिया जा सकता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
चौथे उपाय में, जामुन की छाल को पीसकर उसकी राख बनाई जाती है। इस राख की रोजाना 625 मिलीग्राम से 2 ग्राम तक मात्रा सेवन करने से भी शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
यह सभी उपाय आयुर्वेद पर आधारित हैं, लेकिन किसी भी उपाय को आज़माने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपके स्वास्थ्य के लिए यह उपयुक्त है या नहीं।