मानवाधिकार संगठन बलूच राष्ट्रीय आंदोलन (बीएनएम) के मानवाधिकार विभाग 'पांक' की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 33 न्यायेतर हत्याएं और 84 जबरन गायब होने के मामले दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ितों में छात्र, कवि, किसान और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जिन्हें कथित रूप से अपनी आवाज़ उठाने के चलते निशाना बनाया गया।
इस रिपोर्ट में पाकिस्तानी सेना, फ्रंटियर कोर, आतंकवाद निरोधी विभाग और राज्य समर्थित "मौत दस्तों" पर सुनियोजित अपहरण, यातना और हत्या के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
'बलूचिस्तान मानवाधिकार रिपोर्ट – जून 2025' राज्य प्रायोजित दमन के बढ़ते पैटर्न को उजागर करती है। इसमें यह भी बताया गया कि 32 लोगों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
इन निष्कर्षों से बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की लगातार बिगड़ती स्थिति और असहमति की आवाज़ों को कुचलने की कोशिशों की पुष्टि होती है।