फ्रांस ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियार खरीदने की अमेरिका-नेतृत्व वाली यूरोपीय योजना से खुद को अलग करने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फ्रांस अब इस पहल में भाग नहीं लेगा और इसके बजाय अपने घरेलू रक्षा उद्योग को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
ब्रिटेन और जर्मनी इस योजना में शामिल होने के इच्छुक देशों में अग्रणी हैं। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश के रक्षा बजट को दोगुना करने की घोषणा की है और यूरोपीय देशों से बार-बार आग्रह किया है कि वे विदेशी हथियारों पर निर्भर रहने के बजाय अपने स्वयं के रक्षा ढांचे को मजबूत करें।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलें पहले ही भेजी जा रही हैं, जिनकी आपूर्ति जर्मनी से की जाएगी। जर्मनी बाद में अपने भंडार की पूर्ति करेगा।
वहीं, रूस ने इस सैन्य आपूर्ति की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे शांति वार्ता बाधित होगी और संघर्ष के समाधान में और देरी होगी।
फ्रांस के इस निर्णय से यूरोप के भीतर रक्षा नीतियों को लेकर बढ़ती असहमति और रणनीतिक आत्मनिर्भरता की उसकी प्राथमिकता उजागर होती है।