भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को उद्योग जगत ने एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में सराहा है। प्रमुख उद्योग संगठनों का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (EEPC India) ने समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारत के इंजीनियरिंग निर्यात को और मजबूती देगा। परिषद के अनुसार, ब्रिटेन को भारत का इंजीनियरिंग निर्यात वर्ष 2023-24 में 3.59 अरब डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 11.7% वृद्धि के साथ 4.01 अरब डॉलर हो गया है, जो ब्रिटेन को एक अहम निर्यात बाजार के रूप में स्थापित करता है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने भी एफटीए को अग्रणी और लाभकारी अवसरों से भरा कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, सेवाओं, ऑटो कंपोनेंट्स जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों के द्वार खोलेगा और भारतीय व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए मजबूत बनाएगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने अपने बयान में इस समझौते को भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया और महत्वपूर्ण अध्याय बताया। CII ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह एफटीए प्रौद्योगिकी निवेश, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का विविधीकरण, और व्यापार सुगमता जैसे क्षेत्रों में नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा।
कुल मिलाकर, उद्योग संगठनों का मानना है कि यह भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता आर्थिक सहयोग, निवेश प्रवाह, और नवाचार को बढ़ावा देने वाला एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे दोनों देशों को दीर्घकालिक लाभ होने की उम्मीद है।