ईरान और यूरोपीय देशों—यूके, फ्रांस और जर्मनी (जिन्हें सामूहिक रूप से ई3 कहा जाता है)—के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर अहम वार्ता आज इस्तांबुल में संपन्न हुई। यह बैठक ईरानी वाणिज्य दूतावास में आयोजित की गई और इसका उद्देश्य तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर जारी गतिरोध को तोड़ना था।
यह वार्ता जून में ईरान और इज़राइल के बीच हुए 12-दिवसीय सैन्य संघर्ष के बाद पहली औपचारिक बातचीत थी, जिसमें अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु-संबंधित साइटों पर हवाई हमले भी शामिल थे।
चर्चा मुख्य रूप से 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) के तहत हटाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के संभावित पुनः लागू होने पर केंद्रित रही। यह समझौता ईरान को उसकी यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को सीमित करने के बदले प्रतिबंधों से राहत प्रदान करता है।
ईरानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उप विदेश मंत्री काज़म ग़रीबाबादी ने इस बातचीत को "गंभीर, स्पष्ट और विस्तृत" बताया, और दोनों पक्षों ने भविष्य में वार्ता जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।