वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट पेश किया; सरकार ने सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए 9 प्राथमिकताएं बताईं; गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित किया | The Voice TV

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट पेश किया; सरकार ने सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए 9 प्राथमिकताएं बताईं; गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित किया

Date : 23-Jul-2024

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे लोकसभा में 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।

 

केंद्रीय बजट 2024-25 में सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए नौ प्राथमिकताएँ सूचीबद्ध की गई हैं। ये प्राथमिकताएँ हैं कृषि में उत्पादकता और लचीलापन, रोज़गार और कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढाँचा, नवाचार, अनुसंधान और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार।

 

आज लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, एमएसएमई, विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की। अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब, महिलाएं, युवा और किसान सरकार के लिए मुख्य फोकस क्षेत्र हैं। उन्होंने रोजगार और कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा की।

 

इसके तहत रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की गई। योजना ए के तहत, सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में शामिल होने वाले सभी नए लोगों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। योजना बी से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन होगा और योजना सी से नियोक्ताओं को सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं और देश में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की घोषणा भी वित्त मंत्री ने की।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश की पूंजीगत आवश्यकता को देखते हुए सरकार चालू वित्त वर्ष में बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी और राज्य के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल अवसंरचना विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूंजी निवेश को समर्थन देने के लिए अतिरिक्त आवंटन प्रदान किया जाएगा और बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर तेजी से काम किया जाएगा।

 

मंत्री महोदय ने यह भी घोषणा की कि तरुण श्रेणी के तहत ऋण लेने वाले और सफलतापूर्वक भुगतान करने वाले उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा मौजूदा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र को पीपीपी मोड में स्थापित किया जाएगा। मंत्री महोदय ने घोषणा की कि सरकार पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी। औद्योगिक श्रमिकों के लिए छात्रावास-प्रकार के आवास के साथ किराये के आवास को पीपीपी मोड में सुगम बनाया जाएगा।

 

मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार घरेलू उत्पादन और महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज मिशन स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों के लिए पारगमन उन्मुख विकास योजनाएँ तैयार की जाएँगी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 की घोषणा की, जिसके तहत 10 लाख करोड़ रुपये से एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का चौथा चरण शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नाबालिगों की आर्थिक सुरक्षा के लिए एनपीएस (वात्सल्य) योजना शुरू की जाएगी।

 

वित्त मंत्री ने कैंसर रोगियों को राहत देने के लिए तीन और दवाओं को सीमा शुल्क से मुक्त करने की भी घोषणा की। उन्होंने सोने, चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत और प्लैटिनम पर सीमा शुल्क घटाकर 6.4 प्रतिशत करने की भी घोषणा की। उन्होंने कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ की छूट की सीमा बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का भी प्रस्ताव रखा। भारतीय स्टार्टअप प्रणाली को मजबूत करने के लिए उन्होंने सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा।

 

व्यक्तिगत आयकर के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने दो घोषणाएं कीं। नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारियों की मानक कटौती 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये की जाएगी। करदाताओं के लिए नई कर व्यवस्था स्लैब 0-3 लाख - शून्य, 3-7 लाख - 5 प्रतिशत, 7-10- 10 प्रतिशत, 10-12- 15 प्रतिशत, 12-15- 20 प्रतिशत और इससे अधिक 15- 30 प्रतिशत होगा।

 
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