नई दिल्ली, 12 जुलाई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संस्थान के लिए अत्याधुनिक मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) अनुसंधान सुविधा का शनिवार को उद्घाटन किया।
इस अवसर पर प्रो. बनर्जी ने कहा कि यह सुविधा विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा के संगम पर अनुसंधान को बढ़ावा देगी और स्वास्थ्य सेवा में प्रभावशाली बदलाव लाने में सहायक होगी। यह एमआरआई रिसर्च सुविधा आईआईटी दिल्ली के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग केंद्र (सीबीएमई) में स्थापित की गई है। आरंभ में इसमें फैंटम आधारित अध्ययन किए जाएंगे और आवश्यक नियामकीय स्वीकृतियों के बाद वॉलंटियर्स पर क्लिनिकल अनुसंधान भी किया जाएगा। इसके साथ ही यह सुविधा मेडिकल इमेजिंग पाठ्यक्रम में नामांकित छात्रों को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
यह अनुसंधान केंद्र 1.5 टेस्ला क्लिनिकल-ग्रेड एमआरआई स्कैनर से सुसज्जित है और भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में पहली ऐसी सुविधा है, जो पूरी तरह से अनुसंधान और शिक्षण को समर्पित है। आमतौर पर अस्पतालों में मौजूद एमआरआई सेटअप की तुलना में यह सुविधा अनुसंधानकर्ताओं को नवाचार के लिए स्वतंत्र वातावरण प्रदान करती है। इसके माध्यम से नई इमेजिंग तकनीक, कॉन्ट्रास्ट एजेंट्स का विकास, इमेजिंग प्रोटोकॉल्स का अनुकूलन, एमआर-अनुकूल उपकरणों का निर्माण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से इमेज प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान संभव होगा।
इस पहल का नेतृत्व करने वाले बायोमेडिकल इंजीनियरिंग केंद्र के प्रो. अनूप सिंह और प्रो. अमित मेहंदीरत्ता ने कहा कि यह एक ऐसा सपना है जिसकी कल्पना पांच साल पहले की गई थी और आज यह साकार हो सका है। हम मेडिकल इमेजिंग शिक्षण को एक नई दिशा देने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
आईआईटी दिल्ली के डीन ऑफ प्लानिंग प्रो. विवेक बुवा ने कहा कि यह उन्नत सुविधा आईआईटी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ताओं को सहयोग देगी और एनसीआर सहित पूरे भारत के चिकित्सा संस्थानों के साथ अनुसंधान साझेदारियों के नए द्वार खोलेगी।