नई दिल्ली, 12 जुलाई। अब अगर आप टोल से गुजरते वक्त फास्टैग को गाड़ी के शीशे पर चिपकाने की बजाय हाथ में लेकर चलते हैं तो संभल जाइए। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ऐसे 'लूज फास्टैग' वालों पर सख्ती करने का फैसला किया है।
दरअसल कुछ वाहन मालिक जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी पर नहीं लगाते, ताकि एक ही टैग से कई गाड़ियों का काम चलाया जा सके या सिस्टम को किसी तरह से चकमा दिया जा सके। एनएचएआई ने अब टोल प्लाजा पर काम कर रही एजेंसियों को यह अधिकार दिया है कि वे ऐसे टैग्स की रिपोर्ट तुरंत कर सकें। इसके लिए एक ई-मेल आईडी भी दी गई है, जहां ये जानकारी भेजी जाएगी। रिपोर्ट मिलते ही एनएचएआई ऐसे टैग्स को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर देगा ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके।
एनएचएआई के मुताबिक, यह कदम इसलिए भी ज़रूरी हो गया है क्योंकि देश में अब मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग और वार्षिक पास जैसी नई तकनीकें लागू की जा रही हैं, जिनमें फास्टैग की सही पहचान और निष्पक्ष उपयोग बेहद जरूरी है। लूज फास्टैग की वजह से टोल लेन में जाम, गलत कटौती और सिस्टम में गड़बड़ी जैसी दिक्कतें सामने आती हैं, जिससे बाकी यात्रियों को भी परेशानी होती है। एनएचएआई का कहना है कि फास्टैग अब तक 98 फीसदी से ज्यादा वाहनों पर लग गया है।