भारतीय नौसेना ने आज विशाखापत्तनम में अपने पहले स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट पोत (डीएसवी) आईएनएस निस्तार का जलावतरण किया। संस्कृत शब्द ‘निस्तार’ का अर्थ होता है — मुक्ति, बचाव या मोक्ष, जो इस जहाज की भूमिका को सार्थक रूप से परिभाषित करता है।
आईएनएस निस्तार का निर्माण विशाखापत्तनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में किया गया है। यह पोत भारत की रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। लगभग 10,500 टन वजनी यह पोत 120 मीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा है। इसे 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री और 120 से ज्यादा एमएसएमई के सहयोग से बनाया गया है।
यह तकनीकी रूप से अत्याधुनिक पोत गहरे समुद्र में गोताखोरी अभियानों और संकट में फंसी पनडुब्बियों के बचाव मिशनों के लिए तैयार किया गया है। इसमें कई डेक पर फैला उन्नत डाइविंग कॉम्प्लेक्स और संतृप्ति डाइविंग मिशनों के लिए जरूरी अत्याधुनिक प्रणालियाँ मौजूद हैं।
आईएनएस निस्तार का जलावतरण भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में निरंतर प्रगति और भारतीय नौसेना की जलगत युद्ध और बचाव क्षमताओं को सशक्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पोत भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में एक नया आयाम जोड़ेगा।