अगले सत्र में लाया जाएगा नया बीज अधिनियम : शिवराज सिंह | The Voice TV

Quote :

पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है - अज्ञात

National

अगले सत्र में लाया जाएगा नया बीज अधिनियम : शिवराज सिंह

Date : 17-Nov-2025

मुंबई, 17 नवंबर । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मुंबई में कहा कि घटिया और अनधिकृत बीजों की बिक्री पर नियंत्रण के लिए आगामी बजट सत्र में एक नया बीज अधिनियम लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बागवानी फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए महाराष्ट्र में तीन स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान सोमवार को मुंबई के बीकेसी में आयोजित एशियाई बीज सम्मेलन-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने की आवश्यकता व्यक्त करते हुए बीज उद्योग से किसानों के हितों पर विचार करने की अपील की। दलहन और तिलहन के उत्पादन में निजी क्षेत्र का योगदान कम होने का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि बीज कंपनियों को इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। सभी बीज कंपनियों के लिए 'साथी' पोर्टल पर 100 प्रतिशत पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, जिसे बीजों के उत्पादन और वितरण श्रृंखला को पारदर्शी बनाने के लिए बनाया गया है। तापमान वृद्धि और बदलती मौसम स्थितियों के अनुकूल किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर किसानों के लाभ के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। बीज उद्योग केवल लाभ का विषय नहीं है, बल्कि देश और विश्व की खाद्य सुरक्षा का आधार भी है।

प्राकृतिक खेती के लिए उपयुक्त किस्मों का निर्माण आवश्यक : देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अगले दो-तीन वर्षों में राज्य में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए, बीज उत्पादक कंपनियों से प्राकृतिक खेती के लिए उपयुक्त किस्में विकसित करने की माँग की जा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि बीज उत्पादक कंपनियाँ नवाचार करें, तो हम स्थायित्व की ओर बढ़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भारत का बीज बाजार दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते बाजारों में से एक है। आज यह लगभग 7.8 अरब डॉलर तक पहुँच गया है और 2030 तक इसके लगभग 19 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्राज़ील के बाद भारत दुनिया में पाँचवें स्थान पर है और चूँकि भारत में इस्तेमाल होने वाले 95 प्रतिशत से ज़्यादा बीज घरेलू स्तर पर उत्पादित होते हैं, इसलिए यह उद्योग सीधे तौर पर 'मेक इन इंडिया' में योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है।

इस अवसर पर एशिया प्रशांत बीज संघ के अध्यक्ष टेकवोंग, भारतीय राष्ट्रीय बीज संघ के अध्यक्ष डॉ. एम. प्रभाकर राव, भारतीय बीज उद्योग महासंघ के अध्यक्ष अजय राणा, एशिया प्रशांत बीज संघ के कार्यकारी निदेशक फ्रैंकलिन सेओ, भारतीय राष्ट्रीय बीज संघ के कोषाध्यक्ष वैभव काशीकर और भारतीय बीज उद्योग महासंघ के उपाध्यक्ष राजू राठी सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement