अपने कभी सोचा है हम अपने सेलफोन का उपयोग कितनी आसानी से सर्फीग के लिये करते है और अपनी निजी जानकारियाँ जैसे फोटो पता फोन नंबर इत्यादि साझा रखते है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि ये निजी जानकारियाँ जिसे डेटा कहते है साझा करने पर सिर्फ उसी व्यक्ति तक सिमीत रहती है या जिसे हम भेज रहें या फिर उसे कोई और भी देख रहा है।
इसी संबंधित च्तपउंतल भ्ंबापदह मतलब निजता या निजी जानकारी कि हैकिंग कि बात करेगें। और जानेंगें कि इससे बचने के लिये हमें क्या करना चाहिये या कि बातों का ध्यान रखना चाहिये।
प्रायवैसी हैकिंग दो षब्दों से मिलकर बना है । प्रायवैसी और हैकिंग जहाँ प्रायवैसी से मतलब है । निजता व्यक्तिगत, गोपनियता तथा हैकिंग का मतवल है ऐसी तकनीक जिसके द्वारा कोई अनजान व्यक्ति आपकी निजी जानकारी को आपकी अज्ञानता में अपने उददेष्यों कों पूरा करने के लिये करता है । चुकिं हैकिंग एक नकारामक षब्द है अतः इसका उद्देष्य भी गलत ही होता है । जैसे पासवर्ड का पता लगाना, निजी दस्तावेेजों कि जानकारी हासिल करना इत्यादि ।
अधिकतर कायों के लिये स्मार्ट फोन का इस्तेमाल हो रहा है या ये कहा जाये कि लगभग सारे कामों के लिये स्मार्ट फोन का उपयोग हो रहा है तो गलत नहीं होगा
स्मार्ट फोन इस्रनेट के माध्यम से एप्प के माध्यम से काम करमे है और फेसबुक, व्हाट्सअप भी हम अपने समार्ट फोन से चलाते है ओर इस इनटरनेट कि दुनियॉ मेें घुमतें और आनलाइन शॅपिगं करते हुये न जाने हम अपनी कितनी निजी डेटा कि जानकारी इटरनेट पर दे देते है और हमें पता भी नहीं होता कि ये सूरक्षोत हेै या नहीं |
कहीं हम अपनी व्यवति गत ओर गोपनीष्यता को खतरे में तो नहीं डाल रहें ।
यह कुछ लोगों के लिये तो चौंका देने वाली बात है। पर यह सही हेै क्यों कि जब भी हम इंटरनेट का प्रयोग करते है तब हमारी प्राइवेट जानकारी जैसे हमने किस वेबसाइट को खोला हेै, आनलाइन षॅापिंग साइट से कर रहे है ।
आनलाइन षॉपिग से हमने क्या खरीदा है, वेबसाइट के किस पेज पर हम कितनी देर रूके थे यदि ब्राउजर के कुकीज में सूरक्षीत रहती है और गुगल और गुगल जैसे अन्य कंपनियॉ इस डेटा को अपने फोयदे के लिये इस्तेमाल करतेे है या फिर इस डेटा का एड़वरटाइजीग कपंनीयों को बेचा जाता है।
अतः हमें सर्तकता से कुछ बिन्दुओ को ध्यान समें रख कर काम करने कि आवष्यता है । जिससे निजता व्यक्तिगतता बनी रहे।
1हमेशा फोन में पिनः पैैर्टन लॉक का इस्तेमाल करें ।
2 एप सिर्फ गुगल प्लें स्टोर से ही डाउनलोड करें ।
3 एप इन्सटाल करते समय चाही गयी जानकारी के विकल्पों को ध्यान से पढ़ कर उन्तर दें ।
4 हमेषा अपने जीपिएस ट्रेकर का ऑफ रखें ।
5 फोन में आटो अपडेट आन रखें ।
6 खूले वाई फाई के इस्तेमाल से बचे ।
7 कोई संदिग्थ लिंक जो कि एस एम एस या ब्हाटसअप मैसेज से प्राप्त हुयी हो क्लिक न करें ।
8 कभी भी ब्राउजर से वासवर्ड सेव करके न रखें ।
Author: Mrs. Ansreen Fatima