Quote :

जो व्यक्ति दूसरों के काम न आए वास्तव में वह मनुष्य नहीं है - ईश्वर चंद्र विद्यासागर

Science & Technology

सरकार लगाएगी 5 करोड़ Wi-Fi हॉटस्पॉट, क्या है पीएम वाणी वाई-फाई ?

Date : 18-Sep-2024

पीएम मोदी की देश के हर नागरिक को डिजिटल तौर पर कनेक्ट करना चाहते हैं। पीएम वाणी एक पब्लिक वाई-फाई सर्विस है। हालांकि इस कोशिश में महंगे रिचार्ज प्लान बाधा बन रहे हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार एक नया प्लान लेकर आई है, जिसके तहत पूरे देश में 5 करोड़ पीएम-वाई-फाई हॉटस्पाट लगाया जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर से पीएम-वानी फ्रेमवर्क गाइडलाइन में सुधार किया गया है। सरकार के इस बदलाव के बाद कोई भी नागरिक अपने

इलाके में व्यक्तिगत वाई-फाई हॉटस्पाट लगा पाएगा।


दरअसल मौजूदा वक्त में पूरे देश में मोबाइल टॉवर के जरिए मोबाइल डेटा उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन देश के कई इलाके ऐसे हैं, जहां मोबाइल टॉवर मौजूदगी कम है। ऐसे में मोबाइल में नेटवर्क नहीं आते हैं। इसलिए मोबाइल कॉलिंग और इंटरनेट इस्तेमाल में दिक्कत होती है। लेकिन अब पीएम वाणी वाई-फाई स्कीम के जरिए सरकार हर इलाके में ब्रॉडबैंड वाई-फाई हॉटस्पॉट को बना रही हैं, जो एक बड़े इलाके में सस्ती कीमत में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराएगा। सरकार का मानना है कि इस बदलाव का बड़ा असर मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में देखने को मिलेगा। इससे देशभर में लाखों की संख्या में माइक्रो वाई-फाई हॉटस्पॉट बनकर तैयार होंगे। इससे मोबाइल टॉवर के मुकाबले में ब्रॉडबैंड के जरिए सस्ता इंटरनेट डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।

टेलिकॉम कंपनिया दावा खारिज

मेटा, गूगल, अमेजन, टीसीएस जैसी टेलिकॉम फर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) की रिपोर्ट की मानें, तो दूरसंचार कंपनियों की ओर से दिये जाने वाले बयान सही नहीं है। BIF ने कहा कि पीएम-वाणी एक जरूरी प्रोजेक्ट है और इसके सरकार को किसी तरह से राजस्व का नुकसान नहीं होगा। BIF का मानना है कि 5 करोड़ पीएम-वाणी हॉटस्पॉट स्थापित करने से दूरसंचार कंपनियां बैंडविड्थ बिक्री से सालाना 60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल कर पाएंगे।

टेलिकॉम कंपनियों बढ़ी मुसीबत

पीएम वाणी वाई-फाई हॉटस्पाट की वजह से टेलिकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को नुकसान का डर सता रही है। यही वजह है कि टेलिकॉम कंपनियों की ओर से इस स्कीम को गैरजरूरी बता रही हैं। बता दें कि आज के वक्त में देश के दूर-दराज इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाने का एकमात्र जरिया टेलिकॉम कंपनियां है। टेलिकॉम कंपनियों का कहना है इस प्लान से सरकार के राजस्व में कमी होने की उम्मीद है।

लाखों लोगों को मिलेगा सस्ता इंटरनेट

दूरसंचार विभाग (DoT) ने पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) के बीच रोमिंग की अनुमति देने वाले प्रधान मंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है, जिससे टेलीकॉम और PDO के बीच एक कॉमर्शियल समझौते की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा पीडीओ को टेलीकॉम कंपनियों से मोबाइल डेटा ऑफलोड स्वीकार करने की अनुमति दी गई है, जिससे मोबाइल नेटवर्क पर भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। बीआईएफ ने कहा कि इन बदलावों से लाखों लोगों के लिए सस्ता इंटरनेट मिलने का रास्ता खुलेगा।

पीएम वाणी की चार साल पहले हुई थी शुरुआत

PM WANI का फुल फॉर्म प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस है, जिसकी शुरुआत 9 दिसंबर 2020 को हुई थी। इसके तहत पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क के जरिए ब्रॉडबैंड सर्विस का विस्तार किया जाना था। साधारण शब्दों, तो सभी नागरिकों को वाई-फाई के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराया जाएगा। केन्द्र सरकार इसे वाई-फाई क्रांति कह रही है।

आज के वक्त में मोबाइल इंटरनेट से लैपटॉप, टैबलेट, कंप्यूटर और स्मार्ट टीवी कनेक्ट रहते हैं। ऐसे में मोबाइल डेटा नाकाफी हो जाता है। ऐसे में ब्रॉडबैंड सर्विस जरूरी हो जाती है। इस मामले में पीएम वाणी एक कारगर कदम साबित हो सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) को मंजूरी दी है। लेकिन इसके लॉन्च के कुछ साल में स्पीड धीमी रही है। ऐसे में सरकार कुछ बदलाव के बार पीएम वाणी को रफ्तार देने की कोशिश में है। इससे देश में वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload









Advertisement