ISRO के PSLV-C59 मिशन से होगा प्रोबा 3 का प्रक्षेपण: 10 महत्वपूर्ण तथ्य
Date : 04-Dec-2024
प्रोबा 3 उपग्रह को दुनिया की पहली अनोखी पहल बताया जा रहा है, जिसमें दो उपग्रहों का उपयोग किया जाएगा। यह मिशन सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा इस मिशन के प्रक्षेपण की तैयारी पूरी हो चुकी है, और यह आज, 4 दिसंबर को शाम 4 बजे लॉन्च किया जाएगा। Proba-3 मिशन में 'डबल-सैटेलाइट' कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल किया गया है। दो अंतरिक्ष यान – 'कोरोनाग्राफ' और 'ऑकुल्टर' – एक साथ उड़ान भरकर सूर्य के बाहरी वायुमंडल का विश्लेषण करेंगे।
इसरो के मुताबिक, "Probas" एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है "आओ प्रयास करें।" इस मिशन का उद्देश्य सटीक फॉर्मेशन फ्लाइट को प्रदर्शित करना है। इस प्रक्षेपण के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) का उपयोग किया जा रहा है। यह PSLV की 61वीं उड़ान और PSLV-XL संस्करण की 26वीं उड़ान होगी।
ISRO के PSLV-C59 मिशन से होगा Proba-3 का प्रक्षेपण: 10 महत्वपूर्ण तथ्य
1. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 4 दिसंबर को शाम 4:08 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C59/XL रॉकेट के माध्यम से Proba-3 सैटेलाइट लॉन्च करेगा। यह मिशन उपग्रहों को अत्यधिक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में स्थापित करेगा।
2. Proba-3 मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का "इन-ऑर्बिट डेमोंस्ट्रेशन (IOD) मिशन" है। इसका उद्देश्य ऑनबोर्ड ऑटोनॉमी पर आधारित अध्ययन करना है।
3. ISRO ने Proba-1 का पहला संस्करण 2001 में लॉन्च किया था, जो पृथ्वी की निगरानी के लिए समर्पित था। Proba-2 को सूर्य के अध्ययन के लिए लॉन्च किया गया।
4. Proba-3 मिशन सूर्य के कोरोना (बाहरी वातावरण) के अध्ययन और नई तकनीकों के प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
5. इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान शामिल हैं। इनमें से एक कोरोनाग्राफ होगा, जो सूर्य के कोरोना की तस्वीरें खींचेगा, और दूसरा ऑकुल्टर डिस्क होगा, जो 150 मीटर की दूरी से कोरोनाग्राफ को सूर्य की छवि प्रदान करेगा।
6. यह मिशन कृत्रिम पूर्ण सूर्य ग्रहण (Artificial Solar Eclipse) की स्थिति उत्पन्न करेगा, जिससे वैज्ञानिक सूर्य के बाहरी, गर्म गैसीय वातावरण का छह घंटे तक अध्ययन कर सकेंगे।
7. सामान्य परिस्थितियों में वैज्ञानिक केवल प्राकृतिक सूर्य ग्रहण के कुछ मिनटों के दौरान इस अध्ययन को कर पाते थे। Proba-3 इस बाधा को दूर करेगा।
8. मिशन का लक्ष्य सटीक संरचना उड़ान को प्रदर्शित करना है। यह दो अंतरिक्ष यानों, कोरोनाग्राफ और ऑकुल्टर, को समन्वित रूप से संचालित करेगा।
9. "Probas" लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है "चलो प्रयास करें।" यह मिशन तकनीकी प्रगति का एक अद्भुत उदाहरण है।
10. 44.5 मीटर लंबे PSLV-XL रॉकेट की यह 61वीं उड़ान होगी। यह 550 किलोग्राम वजनी Proba-3 उपग्रहों को लगभग 18 मिनट की उड़ान के बाद उनकी कक्षा में स्थापित करेगा।