नई दिल्ली — भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने घोषणा की है कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान इस वर्ष दिसंबर में अपनी पहली मानवरहित परीक्षण उड़ान भरेगा। यह उड़ान अर्ध-मानव रोबोट 'व्योममित्र' के साथ होगी।
नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, श्री नारायणन ने बताया कि गगनयान मिशन की 80% से अधिक परीक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब तक लगभग 7,700 परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए हैं, जबकि शेष 2,300 परीक्षण मार्च 2026 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
इसरो प्रमुख ने इस वर्ष की अन्य मुख्य उपलब्धियों का भी ज़िक्र किया, जिनमें शामिल हैं:
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196 वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियाँ,
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GLX-2025 मिशन,
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और एक उन्नत विद्युत प्रणोदन प्रणाली का विकास।
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका का 6,500 किलोग्राम वज़नी संचार उपग्रह एक भारतीय लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा, जो भारत की वैश्विक अंतरिक्ष सेवाओं में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
आदित्य एल1 मिशन के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि इस मिशन से वैज्ञानिक समुदाय को 13 टेराबिट डेटा उपलब्ध कराया गया है, जिससे सौर अध्ययन में नई संभावनाएँ खुली हैं।
एक्सिओम-4 मिशन में इसरो की भूमिका पर बात करते हुए नारायणन ने बताया कि फाल्कन-9 रॉकेट के पहले चरण में LOX (Liquid Oxygen) लीकेज की समस्या को इसरो की तकनीकी विशेषज्ञता से ठीक किया गया, जिससे एक संभावित मिशन विफलता को टाल दिया गया।
गगनयान मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, जिससे भारत उन गिने-चुने देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिन्होंने अंतरिक्ष में मानव भेजने की क्षमता हासिल की है।