डायरेक्ट-टू-होम (DTH) का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए खुशखबरी है। क्योंकि सरकार की तरफ से एक फैसला लिया गया है और इससे DTH प्रोवाइड करने वाली कंपनियों को काफी फायदा होने वाला है। दरअसल नई पॉलिसी में कंपनियों को इजाजत दी जाती है कि फॉरेन सैटेलाइट ऑपरेटर्स भी भारत में लोकल यूनिट लगा सकते हैं। अप्रैल 2025 से कंपनियों को इजाजत दी जाती है कि वह चाहें तो भारत में नया सेटअप कर सकती हैं।
एनकोडिंग और डिकोडिंग प्रदर्शन का सत्यापन
इसके अलावा नॉनलाइनियर रूपांतरण का उपयोग करते हुए, उच्च क्षमता वाले डिकोडिंग प्रभावों का विश्लेषण लागू किया गया, जिसमें 530 एसएनसी मोड को इन मोड के लिए कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क द्वारा कन्फ्यूजन मैट्रिक्स के प्रायोगिक माप के लिए चुना गया, जैसा कि चित्र 2 में दिखाया गया है। प्रायोगिक निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि अधिक विशिष्ट संरचनात्मक विशेषताओं के कारण, एसएनसी मोड अभी भी समान रूप से कम बिट त्रुटि दर सुनिश्चित कर सकते हैं जबकि डेटा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए, 99.5% तक की डेटा पहचान सटीकता के साथ। इसके अतिरिक्त, प्रयोग ने विसरित प्रतिबिंब की स्थितियों के तहत मशीन विज़न पैटर्न पहचान क्षमता को भी सत्यापित किया, 70 डिग्री तक के अवलोकन कोणों के साथ कई प्राप्त करने वाले कैमरों द्वारा एक साथ उच्च-सटीक डिकोडिंग प्राप्त की।
Honor Magic 6 Pro जल्द ही भारत में लॉन्च होगा। इस फोन को सबसे पहले इस साल जनवरी में चीन में लॉन्च किया गया था और फरवरी में चुनिंदा वैश्विक बाजारों में बेस Honor Magic 6 के साथ पेश किया गया था। हालाँकि, कंपनी ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि वैनिला वर्ज़न भारत में कब आएगा। Honor Magic 6 Pro के डिज़ाइन और रंग विकल्पों के साथ-साथ देश में इसकी लॉन्च तिथि की घोषणा की गई है। हैंडसेट की DxOMark लिस्टिंग से हैंडसेट के भारतीय वेरिएंट की प्रमुख विशेषताओं का भी पता चला है
हॉनर मैजिक 6 प्रो भारत लॉन्च की तारीख
हॉनर मैजिक 6 प्रो को भारत में 2 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे लॉन्च किया जाएगा, कंपनी ने मंगलवार को पुष्टि की। हैंडसेट देश में Amazon, कंपनी की वेबसाइट और चुनिंदा ऑफलाइन रिटेल स्टोर के ज़रिए खरीदने के लिए उपलब्ध होगा।
एक प्रेस नोट में, कंपनी ने खुलासा किया कि Honor Magic 6 Pro को इसके फ्रंट और रियर कैमरे, डिस्प्ले, बैटरी के साथ-साथ ऑडियो अनुभव के लिए पांच DxOMark 2024 गोल्ड लेबल सर्टिफिकेशन मिले हैं।
प्रमोशनल इमेज से पता चलता है कि फोन भारत में काले और हरे रंग में उपलब्ध होगा। इसका डिज़ाइन भी इसके ग्लोबल और चीनी वेरिएंट जैसा ही लगता है।
हॉनर मैजिक 6 प्रो के फीचर्स
Honor Magic 6 Pro को DxOMark वेबसाइट के साथ-साथ कंपनी की वेबसाइट पर एक माइक्रोसाइट पर लिस्ट किया गया है , जिसमें कई प्रमुख फीचर्स दिए गए हैं। इसमें 6.8 इंच का फुल-एचडी+ (1,280 x 2,800 पिक्सल) LTPO OLED स्क्रीन होगी, जिसमें 120Hz रिफ्रेश रेट, 5,000 निट्स तक की पीक ब्राइटनेस और डॉल्बी विजन सपोर्ट होगा।
फोन में स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 SoC के साथ 12GB या 16GB रैम दिए जाने की उम्मीद है। हैंडसेट में 256GB, 512GB और 1TB की ऑनबोर्ड स्टोरेज भी दी जा सकती है। यह एंड्रॉयड 14 पर आधारित MagicOS 8.0 पर चलता है।
कैमरे की बात करें तो Honor Magic 6 Pro में ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट दी जाएगी, जिसमें 50-मेगापिक्सल का मेन सेंसर, अल्ट्रा-वाइड एंगल लेंस के साथ 50-मेगापिक्सल का दूसरा सेंसर और 2.5x ऑप्टिकल जूम और 10x तक डिजिटल जूम सपोर्ट के साथ 180-मेगापिक्सल का टेलीफोटो शूटर शामिल है। हैंडसेट का 50-मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा सेकेंडरी 3D डेप्थ सेंसर के साथ आता है।
Honor Magic 6 Pro में 5,600mAh की बैटरी है जो 80W वायर्ड फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है। हैंडसेट को धूल और पानी से सुरक्षा के लिए IP68 रेटिंग मिली है। यह स्टीरियो स्पीकर से लैस है और इसका माप 162.5 x 75.8 x 8.9 मिमी है।
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उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में तैनात किये जा सकेंगे टैंक जोरावर
दो साल तक परीक्षण होने के बाद 2027 तक सेना में होंगे शामिल
नई दिल्ली, 28 जुलाई । चीन की सीमा पर पहाड़ी इलाकों के लिए उपयुक्त तेज़ बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की तलाश पूरी हो गई है। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने डीआरडीओ के सहयोग से ढाई साल के भीतर स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर का पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। दो साल तक परीक्षण होने के बाद 2027 तक इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों के साथ-साथ कच्छ के रण जैसे नदी क्षेत्रों में भी इन हल्के टैंकों को तेजी से तैनात किया जा सकता है।
पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाद भारतीय सेना ने चीन को चौतरफा घेरने के लिए एलएसी पर 40 से 50 टन वजन वाले रूसी मूल के भीष्म टी-90, टी-72 अजय और मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन भी तैनात कर रखे हैं। लद्दाख के ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सेना के जवानों को कई दर्रों से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन के दौरान आवश्यकता पड़ने पर टी-72 और अन्य भारी टैंक उस स्थान तक नहीं पहुंच सकते हैं। इसलिए उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए हल्के वजन वाले टैंकों की जरूरत महसूस की गई, ताकि इन्हें 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया जा सके।
इसके बाद भारत ने खुद 'प्रोजेक्ट जोरावर' के तहत 25 टन से कम वजन वाले 354 टैंकों का निर्माण करने का फैसला लिया। सैद्धांतिक रूप से डीआरडीओ को 2021 के अंत तक 354 टैंकों की आवश्यकता में से 59 का निर्माण करने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। इसके बाद डीआरडीओ ने हल्के टैंकों को विकसित किया और एलएंडटी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई। डीआरडीओ और एलएंडटी ने टैंक की डिजाइन तैयार की है, के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टी 155 मिमी. की चेसिस पर आधारित है। एलएंडटी ने ही गुजरात के हजीरा में एलएंडटी के प्लांट में के-9 वज्र टैंक तैयार किया है।
अब एलएंडटी ने डीआरडीओ के सहयोग से ढाई साल के भीतर स्वदेशी लाइट टैंक ज़ोरावर का पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है, जिसका अनावरण 6 जुलाई को किया गया था। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों के साथ-साथ कच्छ के रण जैसे नदी क्षेत्रों में भी इन हल्के टैंकों को तेजी से तैनात किया जा सकता है। ये सभी टैंक हल्के होने के साथ-साथ बेहतर मारक क्षमता और सुरक्षा प्रदान करने वाले होंगे। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. कामत ने कहा कि पहला प्रोटोटाइप अगले छह महीनों में विकास परीक्षणों से गुजरेगा और फिर भारतीय सेना को दिसंबर तक उपयोगकर्ता परीक्षण के लिए सौंप दिया जाएगा। परीक्षण पूरे होने में संभवतः दो साल लगेंगे और इसके बाद 2027 तक इसे सेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
