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मंदिर श्रृंखला : निरई माता मंदिर-ऐसा माता मंदिर, जहां महिलाओं का जाना प्रतिबंधित है

Date : 15-Apr-2024

 

हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपने रहस्यों के लिए जाने जाते हैं, ये रहस्य कभी मंदिर की बनावट से जुड़े होते हैं तो कभी मंदिर की कहानी से जुड़े, लेकिन भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहां महिलाओं का जाना वर्जित, ही महिलाएं यहां पूजा कर सकती है और ही यहां का प्रसाद ग्रहण कर सकती है। यहां तक की अगर किसी महिला ने यहां का प्रसाद भी ग्रहण कर लिया तो उस महिला के साथ कोई कोई अनहोनी हो जाती है। इसलिए केवल पुरुष ही यहां की पूजा-पाठ की रीतियों को निभाते हैं।

ये मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से करीबन 12 किलोमीटर दूर है जो निरई माता का मंदिर है। ये मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है जो केवल 5 घंटे के लिए खुलता है। निरई माता का ये मंदिर सुबह 4 बजे से सुबह 9 बजे तक ही खुलता है, इस दौरान यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ती है।

जहां एक तरफ माता रानी के नाम से ही सपष्ट है। माता का हार-श्रृंगार आदि। माता के इस अनोखे मंदिर में सिंदूर, श्रृंगार, कुमकुम, गुलाल और सुहाग की अन्य चीजें नहीं चढ़ाई जाती बल्की नारियल और अगरबत्ती चढ़ाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में नारियल और अगरबत्ती चढ़ाने से माता प्रसन्न होती है।

 इसके साथ ही यहां बकरों की बलि दी जाती है, लोक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। कई सालो से चली रही प्रथा के अनुसार मनोकामना पूरी होने के बाद मां को बकरे की बलि उपहार के रूप दी जाती है। इस मंदिर की एक और हैरान करने वाली बात ये है कि यहां चैत्र माह के नवरात्रों में 9 दिन ज्योत स्वयं प्रज्वलित होती है।.और माता रानी की ये पवित्र जोत बिना तेल और घी के स्वयं जलती है। ये नज़ारा देखने लोग दुर-दूर से यहां आते हैं और हैरान रह जाते हैं। यहां तक कि बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी इस रहस्य का पता आज तक नहीं लगा पाएं।

आपको बता दें कि साल भर में ये मंदिर केवल 5 घंटों के लिए ही खोला जाता है बाकी के दिनों में इस मंदिर परिसर में आना प्रतिबंधित है, लेकिन जब ये मंदिर खुलता है तो यहां हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है, इतनी भीड़ की इस भीड़ को संभालने के लिए यहां इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ता है।

प्रत्येक वर्ष इस मंदिर परिसर में चैत्र नवरात्र के मौके पर अपने आप ही ज्योति प्रज्जवलित होता है। यह चमत्कारिक ज्योति नौ दिनों तक अपने आप ही जलती रहती है वो भी बिना तेल और घी के। इस पहाड़ में ये ज्योति बिना तेल और घी के कैसे जलती है इस पर आजतक रहस्य ही बना हुआ है। कोई भी व्यक्ति इस रहस्य के पीछे की वजह को आज तक नहीं जान पाया है।

वहीं रहस्यों से भरे इस मंदिर की एक और गुत्थी को भी आजतक कोई नहीं सुलझा पाया है और वो ये है कि निरई माता के मंदिर में महिलाओं का जाना प्रतिबंधित है। इस मंदिर में ही महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं और ही पूजा पाठ कर सकती हैं। यहां तक की महिलाएं अगर इस मंदिर का प्रसाद भी ग्रहण करती हैं तो उनके साथ कोई कोई अनहोनी हो जाती है। इसी कारण इस मंदिर में केवल पुरुष ही जाते हैं और यहां जाकर माता की पूजा अर्चना करते हैं।

 
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