अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर रामलला के सूर्यतिलक का अद्भुत नजारा देखने को मिला. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद यह रामलला की पहली रामनवमी है. ऐसे में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया. साथ ही रामलला के दिव्य सूर्यतिलक का नजारा भी बेहद मनमोहक था. रामनवमी के खास मौके पर मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है. बता दें कि रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरणों को भगवान रामलला के मस्तिष्क तक पहुंचाया गया. इस दौरान 5 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण दिखाई दी.
4 लेंस और 4 शीशों की मदद से हुआ रामलला का सूर्यतिलक
दरअसल, रुड़की के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने साइंस एडिटर पल्लव बागला से बात करते हुए बताया कि रामलला के विशेष सूर्यतिलक के लिए ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम को डिजाइन किया गया है. इसके जरिए राम मंदिर की तीसरी मंजिल पर 4 लेंस और 4 शीशों को लगाया गया है, जिनकी मदद से रामलला के मस्तिष्क तक सूर्य की किरणों को पहुंचाया गया है. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. प्रदीम चौहान ने बताया कि इसके लिए एस्ट्रोनॉमिकल कैलकुलेशन का इस्तेमाल किया गया है.
प्रत्येक रामनवमी पर इस तकनीक से होगा रामलला का सूर्यतिलक
वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि प्रत्येक रामनवमी के मौके पर इसी तकनीक की मदद से रामलला का सूर्यतिलक होगा और यह कम से कम 2 से 3 मिनट तक देखा जा सकेगा. उन्होंने यह भी बताया कि हिंदी तिथियों के लिए अंग्रेजी कैलेंडर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और इस वजह से हिंदी कैलेंडर के मुताबिक 19 वर्षों के चक्र को ध्यान में रखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल फिजिक्स और सीबीआरआई ने इस सूर्यतिलक को डिजाइन किया है. प्रत्येक रामनवमी पर इस तकनीक से होगा रामलला का सूर्यतिलक