बुद्धि, स्मरण शक्ति के अलावा ब्राह्मी का प्रयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इस औषधि का काफी महत्व है। ब्राह्मी हरे और सफेद रंग की होती है। इसका स्वाद मज़ेदार होता है और इसकी तासीर शीतलता होती है। यह पौधा भूमि पर फलकर बड़ा होता है।
खण्डन में बर्बाद
ब्राह्मी में मौजूद औषधीय गुण कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन करने से कब्ज की पुरानी से पुरानी समस्या दूर हो जाती है। ब्राह्मी में रक्तशोधक गुण पाए जाते हैं जिससे यह पेट की समस्या से बचते हैं।
धन्यवाद बढ़ाए
ब्राह्मी के उपाय सभी भाग में उपयोगी होते हैं। जहां तक हो सके ब्राह्मी का ताज़ा ही प्रयोग करना चाहिए। ब्राह्मी का प्रभाव मुख्यतः मस्तिष्क पर होता है। यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक ही है, उसे शांति भी देता है। लगातार मानसिक कार्य करने से थकान हो जाती है जब किसी व्यक्ति का वजन कम होता है तो ब्राह्मी के उपयोग से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
एकाग्रचित्त
जिन बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है या उनकी एकाग्रता की समस्या है तो उन्हें हर रोज खाने के लिए 200 मिली गर्म दूध में 1 चम्मच ब्राह्मी का मिश्रण दें। इससे उनकी स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है तथा उनके अध्ययन मन में भी ऐसा प्रतीत होता है।
खांसी और बुखार दूर करे
ब्राह्मी 2.5 ग्राम, शंखपुष्पी -2.5 ग्राम, बादाम की गिरी पांच ग्राम, छोटी इलायची का पाउडर -2.5 ग्राम, इन सबको पानी में अच्छी तरह से घोलकर अच्छी लें और मिश्री मिलाकर सुबह शाम आधे से एक गिलास पीएं...इससे खांसी, बुखार में फायदा तो यही है.