यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में दर्द होना, उंगलियों में सूजन और पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होने लगता है। ऐसे में दवाइयों के साथ-साथ कुछ घरेलू नुस्खों को आजमाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। बता दें, अलसी का बीज यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कारगर है। जानें, अलसी का बीज किस तरह से यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है, इसका सेवन किस समय और कितना करना चाहिए ये भी बताएंगे।
अलसी के बीज में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। यही पोषक तत्व शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का काम करते हैं। अलसी के तेल में एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं जो हाई यूरिक एसिड के कारण होने वाले दर्द में मदद कर सकते हैं।
इन समस्याओं में भी कारगर है अलसी:
अलसी के बीज वजन को घटाने में कारगर हैं। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होता है। अगर आप इन्हें खाएंगे तो ये आपकी भूख को कंट्रोल करने में मदद करेगा। बहुत की कम लोग इस बात को जानते होंगे कि अलसी में मौजूद फाइबर पाचन की प्रक्रिया को धीमा कर देती है। इससे हार्मोन नियंत्रित रहता है जो आपकी भूख को शांत करने का काम करता है। लिहाजा आपका पेट भरा-भरा लगता है और वजन अपने आप घटने लगता है। अलसी में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। ये धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जिससे दिल हेल्दी रहता है।
कैसे करें अलसी का सेवन?
अलसी का सेवन आप दिन में एक बार और आप दोपहर के भोजन के बाद ही करें। दोपहर में खाना खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच चबा चबाकर खाएं। अलसी के बीजों को रात भर पानी में भिगोएँ और सुबह खाली पेट खाएँ।सलाद पर अलसी के बीज छिड़कें। हर दिन एक ही समय पर अलसी के बीज खाएँ। दिन में अलसी के बीज खाना ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकता है।