अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शिक्षा विभाग के आकार को छोटा करने की योजना पर आगे बढ़ने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने 6-3 के बहुमत से दिए गए फैसले में उस निचली अदालत के आदेश को पलट दिया, जिसने पहले लगभग 1,400 कर्मचारियों की छंटनी पर रोक लगाई थी।
इससे पहले मई में, जिला न्यायाधीश म्योंग जौन ने अपने फैसले में कहा था कि इतने बड़े पैमाने पर छंटनी से शिक्षा विभाग की कार्यक्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा निर्णय से ट्रंप प्रशासन को अपने प्रस्तावित सुधारों को लागू करने की छूट मिल गई है।
यह फैसला ट्रंप के लिए एक हफ्ते में दूसरी बड़ी कानूनी जीत है। कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने संघीय कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की उनकी व्यापक योजना को भी मंजूरी दी थी।
ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य शिक्षा विभाग के अधिकारों को सीमित कर, शिक्षा नीति का अधिक नियंत्रण राज्यों को सौंपना है। हालांकि, इस फैसले का डेमोक्रेटिक राज्यों के 21 अटॉर्नी जनरल, शिक्षक संघों और स्कूल जिलों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे छात्र ऋण प्रबंधन, नागरिक अधिकार प्रवर्तन, स्कूली फंडिंग और विशेष जरूरतों वाले छात्रों को मिलने वाली सहायता जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
गौरतलब है कि अमेरिकी शिक्षा विभाग की स्थापना 1979 में की गई थी और यह देश की शिक्षा प्रणाली के लिए केंद्रीय भूमिका निभाता रहा है।