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पाकिस्तानी अखबारों सेः बदहाल अर्थव्यवस्था पर पीएम शहबाज के मजबूरी जताने को प्रमुखता

Date : 15-Dec-2022

 - दवाओं की किल्लत, महंगाई के नए रिकॉर्ड बनाने और दूतावासों के फंड रोकने को भी महत्व

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (हि.स.)। पाकिस्तान से बुधवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक बयान प्रमुखता से प्रकाशित किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था की तबाही और देश को मंहगाई के चैलेंज का सामना करना पड़ रहा है। आईएमएफ ने पांव में जंजीरे पहना दी हैं। देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। पत्थर दिल इंसान कौम को उकसाने की कोशिश कर रहा है। जिनेवा में होने वाली डोनर कॉन्फ्रेंस में भीख का कटोरा लेकर नहीं, अपना हक लेने जाएंगे। कश्ती को मंझधार से निकालकर किनारे पर लगाएंगे।

अखबारों ने अर्थव्यवस्था पर ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रतिक्रिया को भी महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि पीडीएम ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि 20 दिसंबर से पहले विधानसभाओं को तोड़ने का ऐलान किया जाएगा। मुस्लिम लीग काफ और हम गठबंधन का हिस्सा हैं। इनको अपने फैसले से अवगत करा दिया है। विधानसभा तोड़ने के मामले पर हम एक ही पिच पर खेल रहे हैं।

अखबारों ने पाकिस्तान में जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत की खबरें भी दी हैं। 3000 दवाओं का रॉ मैटेरियल खत्म हो गया है। पाकिस्तान में महंगाई का नया रिकॉर्ड स्थापित होने की खबरें भी अखबारों ने दी हैं। 20 किलो आटे का थैला 800 रुपये तक महंगा हो गया है। मुर्गे का गोश्त, अंडा, दूध, टमाटर, प्याज और दालों आदि के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

अखबारों ने सत्ताधारी गठबंधन के जरिए पीडीएम को चुनावी गठबंधन बनाने का फैसला लेने का अधिकार देने की खबरें दी है। इस गठबंधन से ही चुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया गया है।

अखबारों ने विदेश मंत्रालय के जरिए दुनियाभर में स्थापित पाकिस्तानी दूतावास के फंड रोके जाने की खबरें भी दी हैं। पिछले 4 महीनों से दूतावासों के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है और उनके बिलों आदि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। फंड रिलीज नहीं होने की वजह से राजनयिक मिशन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

अखबारों ने सुप्रीम कोर्ट के जजों का इमरान खान के जरिए नैब संशोधन विधेयक पर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कड़ा रिमार्क छापा है। जजों ने कहा है कि नैब संशोधन विधेयक सदन में बिना बहस के जल्दबाजी में मंजूर किया गया है। जब संशोधन की नीयत ही ठीक नहीं है तो आगे जानने की जरूरत नहीं है। नैब संशोधन व्यक्तिगत फायदे के लिए किया गया है। ये सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ के पहले पन्ने पर प्रकाशित हुई हैं।

रोजनामा दुनिया ने पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में भारत के लिप्त होने के गृहमंत्री राना सनाउल्लाह के आरोप को छापा है। उन्होंने कहा है कि सबूत जल्द ही दुनिया के सामने रखेंगे। जौहर टाउन बम धमाके में भारत के लिप्त होने के पुख्ता सबूत हमारे पास हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में होने वाली हर आतंकवादी गतिविधियों में कहीं ना कहीं भारत के लिप्त होने की जानकारी मिलती है। जल्द ही संयुक्त राष्ट्र संघ में इससे संबंधित सभी दस्तावेज पेश किए जाएंगे।

रोजनामा दुनिया ने भारत में पाकिस्तानी वेब सीरीज पर पाबंदी लगाने की खबर को जगह दी है। इस वेब सीरीज में सिखों के कत्लेआम, ईसाइयों के कत्ल और मुसलमानों पर हिंसा, समझौता एक्सप्रेस बम धमाके जैसी घटनाओं को शामिल किया गया था। फिल्म में बाबरी मस्जिद विध्वंस और हिंदुओं के जरिए अन्य धर्मों पर की जाने वाली हिंसा की घटनाओं को दिखाया गया है। भारत सरकार ने कहा है कि इस फिल्म से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है और पाकिस्तान के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगेंडा करने की कोशिश की गई है।

 
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