बिहार विधानमंडल में मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दोनों सदनों (विधानसभा-विधानपरिषद) में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के साथ सदन की कार्यवाही शुरु हुई। इस हंगामे के बीच विधानसभा से छह विधेयक पास किये गए। दोपहर बाद विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मंगलवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद-कांग्रेस विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार पर बैठ गए। इन नेताओं के गेट पर बैठ जाने की वजह से विधायकों को अंदर जाने में परेशानी होने लगी।
विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को भी विधानसभा में जाने से रोकने का प्रयास किया। हालांकि, मार्शल ने हाथ पकड़ कर प्रदर्शनकारी विधायकों को उठा दिया।
विपक्षी विधायक लगातार मतदाता सूची पुनरीक्षण और राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करते रहे। सदन के अंदर कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य हाथ में पोस्टर लेकर हंगामा करने लगे। विपक्ष के विधायक बेल में चले आए। विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने विपक्षी विधायकों से हंगामा ना करने का बार-बार आग्रह किया लेकिन विपक्ष के सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगति कर दिया।
विधानसभा की द्वितीय पाली शुरु होते ही विपक्ष के हंगामे के बीचं 6 विधेयक पारित हुए। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही दोबारा दो बजे शुरु होने के बाद मात्र 30 मिनट चली, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विधान परिषद की द्वितीय पाली शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सभापति से कार्य स्थगन प्रस्ताव मंजूर कर इस चर्चा करने की मांग की। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि इस पर चर्चा कराना असंवैधानिक है। आप लोग क्या चाहते हैं, मैं यह असंवैधानिक कार्य की अनुमति दूं? विपक्षी सदस्यों के नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही बुधवार 12 बजे भी तक के लिए स्थगित कर दी गई।