राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 26 से 28 अगस्त तक नई दिल्ली में एक परिचर्चा को संबोधित करेंगे। संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में इसका आयोजन विज्ञान भवन में किया जाएगा।
दिल्ली के प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि संघ प्रमुख 26, 27 और 28 अगस्त को प्रतिदिन सायंकाल 5.30 से 7.30 तक दिल्ली के विज्ञान भवन में एक परिचर्चा को संबोधित करेंगे। इस परिचर्चा में सम्मिलित होने के लिए देश-विदेश के प्रतिष्ठित जनों की सूची बनाकर निमंत्रित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व सन् 2017 में 16 से 18 सितम्बर तक दिल्ली के इसी विज्ञान भवन में संघ प्रमुख भागवत ने इसी प्रकार की तीन दिवसीय परिचर्चा में सहभाग किया था। संघ के इतिहास में वह इस तरह का पहला आयोजन था। उस आयोजन में 60 से ज्यादा देशों के दिल्ली स्थित राजदूत या हाई कमिश्नर, देश के सभी राजनीतिक दलों, संस्थानों के प्रमुखों और फिल्मी हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया था। 2017 में आयोजित परिचर्चा में संघ प्रमुख ने संघ की स्थापना, उसके उद्देश्यों और गतिविधियों के साथ ही संघ के बारे में कुछ गलत धारणाओं को तोड़ने के लिए बहुत साफगोई से बातें रखीं थीं। अंतिम दिन कुछ संभ्रांत स्वजनों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए थे।
सन् 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह शताब्दी वर्ष है। इस वर्ष विजयाशमी से लेकर अगले वर्ष के विजयादशमी तक रा. स्व.संघ ने अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से व्यापक जन संपर्क की योजना बनाई है। उसी क्रम में यह तय किया गया है कि देश के चार प्रमुख स्थानों पर संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत तीन-तीन दिवसीय व्याख्यान माला या परिचर्चा में सहभाग करेंगे। पहला आयोजन दिल्ली में 26 से 28 अगस्त तक होगा। इसके अतिरिक्त मुंबई, कोलकाता और बेंग्लुरू में इसी प्रकार के आयोजन होंगे। इसके अतिरक्ति देश भर में 1500 से अधिक स्थानों पर सम्मेलन आयोजित होंगे। साथ ही साथ घर-घर संपर्क कर संघ साहित्य के माध्यम से संघ की विचारधारा और कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी। संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रत्येक ग्राम तक संपर्क बनाने के अभियान में जुटा है।