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राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- कांग्रेस पार्टी के नेताओं में आ गया है वैचारिक दिवालियापन

Date : 25-Jul-2025

नई दिल्ली, 25 जुलाई | तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कांग्रेस ओबीसी सेल के 'भागीदारी न्याय सम्मेलन' में राहुल गांधी ने मोदी सरकार को ओबीसी और एसी-एसटी वर्ग का विरोधी बताया। राहुल के इस बयान पर तीखा प्रहार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं में वैचारिक दिवालियापन आ गया है।

शुक्रवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में डॉ धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर झूठ का सहारा लिया। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार ने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया। आजादी के उपरांत पहली बार एक ओबीसी के नेतृत्व में यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकर पिछले 11 साल से भारत की सेवा कर रही है। इससे कांग्रेस पार्टी को बहुत दिक्कत हो रही है। मंडल कमीशन का सबसे ज्यादा विरोध किसी ने किया, तो वह राहुल गांधी के पिताजी स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने किया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि रिजर्वेशन देश के विकास के लिए घातक होगा। जब बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर ने आरक्षण की व्यवस्था की थी, तब पंडित नेहरू ने उसका पुरज़ोर विरोध किया था। पंडित नेहरू की बेटी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी आरक्षण की विरोधी थी। कांग्रेस पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी आरक्षण के खिलाफ़ रही है।

प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी ने ट्वीट करके ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ का मुद्दा उठाया। तथ्य यह है कि कांग्रेस के समय ही ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ का प्रसंग आया था। 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद सेंट्रल एजुकेशन इन्स्टिट्यूशन रिजर्वेशन इन टीचर्स एक्ट लाया गया। 2019 में पहली बार आजाद भारत में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की श्रेणी की नियुक्ति में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण दिया गया। उस एक्ट में व्यवस्था की गयी कि अगर कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिलता है, तो वो पोस्ट सीज नहीं की जाएगी यदि वो पोस्ट एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। अगर नियुक्ति के दौरान किसी भी कारण से योग्य व्यक्ति नहीं मिलता है, तब भी वो लैप्स नहीं होगा। कांग्रेस के शासनकाल में आरक्षित पदों के साथ खिलवाड़ किया गया। नाटकीय ढंग से इंटरव्यू करके योग्य व्यक्ति नहीं मिलने का बहाना बनाया जाता था, उसके बाद ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ कैटेगरी दिखाकर उन पदों को सीज़ कर दिया जाता था।

धर्मेन्द्र प्रधान ने राहुल गांधी से प्रश्न पूछते हुए कहा कि उन्हें संसद के अंदर या संसद के बाहर बताना चाहिए कि कांग्रेस शासन काल में नॉट फाउंड सूटेबल कैटेगरी बनाकर कितने आरक्षित पदों को जनरल कैटेगरी में परिवर्तित किया गया? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में एक भी पद नॉट फाउंड सूटेबल बनाकर उसे सामान्य वर्ग में परिवर्तित नहीं किया गया।

राहुल गांधी का कहना है कि सेंट्रल इन्स्टिट्यूशन्स में पद रिक्त हैं। तथ्य यह है कि 2014 में उच्च शिक्षण संस्थान में 16,217 टीचिंग पोस्ट होते थे, जो 2025 में वो बढ़कर 18,951 हो गया। पिछले 10 साल के अंदर हम लोगों ने 2000 पोस्ट सृजित किए हैं। 2014 में 16,217 पोस्ट में से लगभग 37 प्रतिशत पोस्ट रिक्त थे। 2025 में 18,951 यानी लगभग 19,000 पोस्ट हैं। उस 19,000 पोस्ट में से 25 प्रतिशत ही रिक्त हैं। हमने पोस्ट भी ज्यादा बढ़ाए हैं और रिक्त पड़े पदों की संख्या भी घटाई है अर्थात ज्यादा लोगों की नियुक्तियां की गयी। एससी-एसटी रिजर्वेशन में आज 8150 एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोग नियुक्त किए गए हैं। एससी वर्ग में 15 प्रतिशत में से 13 प्रतिशत पोस्ट भरा हुआ है। 7.5 प्रतिशत में से एसटी में से 6.5 प्रतिशत भरा हुआ है और ओबीसी के 27 प्रतिशत पोस्ट में से 22.8 प्रतिशत पोस्ट भरा हुआ है। ये पिछले दिनों में रिकॉर्ड रिक्त पदों को भरने की मुहिम है।

 
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