केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे आतंकवाद और तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए ठोस और समर्पित कदम उठाएँ। यह बयान उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन–2025 के उद्घाटन के अवसर पर दिया।
श्री शाह ने केंद्र और राज्यों की एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच मौजूद गठजोड़ को तोड़ने के लिए नई रणनीति और दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों की समीक्षा करते हुए उन्होंने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे वित्तीय लेन-देन और अनियमितताओं की गहन पड़ताल करके आतंकी मॉड्यूल का पता लगाएँ।
उन्होंने गृह मंत्रालय से एन्क्रिप्टेड संचार तकनीकों के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक साझा मंच स्थापित करने की सिफारिश की, जिससे विभिन्न हितधारक मिलकर समाधान विकसित कर सकें। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि पुलिस संगठन केवल स्वदेशी तकनीकों का प्रयोग करें ताकि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।
सम्मेलन के पहले दिन, बाहरी खतरों, मादक पदार्थों की तस्करी, एन्क्रिप्टेड ऐप्स और नवीनतम तकनीकों के दुरुपयोग, भीड़ प्रबंधन, तथा निर्जन द्वीपों की सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। आतंकी फंडिंग से जुड़ी चुनौतियाँ भी विशेष ध्यान का विषय रहीं।
इस सम्मेलन में देश भर से लगभग 800 वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम भौतिक और वर्चुअल दोनों माध्यमों से आयोजित किया गया। सम्मेलन के दूसरे दिन आज, नागरिक उड्डयन और बंदरगाहों की सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, वामपंथी उग्रवाद, और नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।