तटरक्षक बल के चौथे दो दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का शुक्रवार को रोम (इटली) में समापन हुआ है। इस शिखर सम्मेलन में 115 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो तटरक्षक सहयोग के लिए प्रमुख वैश्विक मंच के रूप में इसकी महत्ता को दर्शाता है। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हिस्सा लिया। उन्होंने अपने संबोधन में समुद्री सुरक्षा और संरक्षा में भारत की विशेषज्ञता और रचनात्मक भूमिका को रेखांकित किया।
भारतीय तटरक्षक प्रतिनिधिमंडल ने सम्मेलन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से योगदान दिया। आईसीजी के महानिदेशक ने 'आग के खिलाफ संरक्षक: अग्नि आपात स्थितियों के लिए आईसीजी की सामरिक प्रतिक्रिया' शीर्षक से एक विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने समुद्री सुरक्षा और संरक्षा में भारत की विशेषज्ञता और रचनात्मक भूमिका को रेखांकित किया। भारतीय तटरक्षक बल ने 2027 में होने वाले 5वें तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए दावेदारी करने की इच्छा जताई है, जो वैश्विक समुद्री शासन को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
आईसीजी के कमांडेंट अमित उनियाल ने बताया कि सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक सुरक्षित समुद्रों के लिए सामूहिक एजेंडे को आकार देने में आईसीजी प्रमुख भागीदार के रूप में स्थापित करेगा। यह शिखर सम्मेलन समुद्री सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण संरक्षण सहित विविध क्षेत्रों में अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। सम्मेलन में उन्नत तकनीकों, मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 'समुद्र में संरक्षक' के रूप में आचरण के साझा सिद्धांतों के तहत अंतर-क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर फोकस किया गया है।
वैश्विक स्तर पर समुद्री चुनौतियों की बढ़ती जटिलता को समझते हुए जापान तटरक्षक बल और निप्पॉन फाउंडेशन ने वर्ष 2017 में पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। तब से यह शिखर सम्मेलन दुनिया भर के तटरक्षकों के बीच संवाद और विश्वास निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में विकसित हुआ है।
चौथे संस्करण में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भी वर्चुअल माध्यम से दिए गए वक्तव्यों में समुद्री कानून प्रवर्तन के क्षेत्रों में वैश्विक तटरक्षक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।