गुजरात ने ‘गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी-2023’ की घोषणा के साथ ही केन्द्र सरकार के ग्रीन ग्रोथ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है। यह नई ‘गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी-2023’ व्यापक रूप से रिन्यूएबल एनर्जी यानी नवीकरणीय ऊर्जा के मुख्य स्रोतों को कवर करने वाली पॉलिसी है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा वित्त एवं ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई की उपस्थिति में जारी की गई यह पॉलिसी विंड (पवन), सोलर (सौर) और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर आधारित रिन्यूएबल जनरेशन प्रोजेक्ट्स की स्थापना को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी है।
इस पॉलिसी के अंतर्गत ग्राउंड माउंटेड सोलर यानी जमीन पर लगा सोलर पैनल, रूफटॉप सोलर यानी छत पर लगा सोलर पैनल, फ्लोटिंग सोलर यानी पानी पर तैरता सोलर पैनल, कैनाल टॉप सोलर यानी नहर के ऊपर लगाया गया सोलर पैनल और विंड एवं विंड-सोलर हाइब्रिड परियोजनाओं को शामिल कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई इस नीति की परिचालन अवधि नई नीति के घोषित होने तक या 2028 तक रखी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरित ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को लगातार बढ़ाते हुए भारत में वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस लक्ष्य के साथ अल्पकालिक लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं, जिनमें वर्ष 2030 तक भारत की रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाकर देश की कुल ऊर्जा जरूरतों का 50 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त करने का लक्ष्य शामिल है।
गुजरात ने नई रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी के अंतर्गत 2030 तक कुल बिजली उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ इस पॉलिसी में विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान किया है। राज्य की संभावित रिन्यूएबल क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जाएगा तथा इस पॉलिसी के तहत आने वाली परियोजनाओं में अनुमानित 4 लाख एकड़ जमीन के उपयोग की संभावना है। इतना ही नहीं, गुजरात की रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी-2023 के परिणामस्वरूप 5 लाख करोड़ रुपए का निवेश होने की भी संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा जारी की गई इस पॉलिसी के अंतर्गत प्राप्य लाभ प्रोजेक्ट कमीशनिंग यानी परियोजना शुरू होने की तारीख से 25 वर्ष की अवधि या रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स की लाइफ टाइम अवधि में से जो पहले हो, लागू होंगे। इस पॉलिसी के अंतर्गत परियोजना के पंजीकरण, सत्यापन, कमीशनिंग प्रमाण पत्र और मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए) नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। वहीं, पॉलिसी के कार्यान्वयन, समन्वय और देखरेख एजेंसी के रूप में गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) कार्य करेगा।
गुजरात सोलर, विंड और हाइब्रिड जैसे ग्रीन एनर्जी के क्षेत्रों में नीति निर्धारित विकास के द्वारा अग्रणी राज्य बना है। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए विकास के पंच स्तंभों पर आधारित बजट में ग्रीन ग्रोथ को एक महत्वपूर्ण स्तंभ मानते हुए ग्रीन ग्रोथ के लिए अगले पांच वर्ष में पांच लाख करोड़ रुपए खर्च करने का संकल्प किया गया है। नई ‘गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी-2023’ उस दिशा में राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करेगी। मुख्यमंत्री द्वारा इस पॉलिसी को जारी करने के अवसर पर मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी, जेपी गुप्ता तथा प्रधान सचिव ममता वर्मा एवं संजीव कुमार सहित वरिष्ठ सचिवगण एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी-2023 की मुख्य विशेषताएं एवं प्रावधान
1. उपभोक्ता अनुबंध मांग के संदर्भ में रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) प्रोजेक्ट्स स्थापित करने के लिए कैपेसिटी यानी क्षमता पर कोई नियंत्रण नहीं है।
2. उपभोक्ता की खपत के समक्ष आरई पावर सैटलमेंट, बिलिंग साइकिल के आधार पर किया जाएगा।
3. ग्रीन पावर सप्लाई- गुजरात विद्युत विनियामक आयोग (जीईआरसी) द्वारा समय-समय पर निर्धारित ग्रीन पावर सप्लाई टैरिफ पर उपभोक्ता के निवेदन पर 100 फीसदी आरई ऊर्जा सप्लाई।
4. रूफटॉप प्रोजेक्ट्स के लिए नेट मीटरिंग या ग्रॉस मीटरिंग का विकल्प उपलब्ध है।
5. उपभोक्ता द्वारा छोटे पैमाने पर रूफटॉप विंड प्रोजेक्ट्स स्थापित किए जा सकेंगे।
6. ऑफशोर विंड के प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
7. यह पॉलिसी विंड टर्बाइन जनरेटर उत्पादकों-डब्ल्यूटीजी और आरई डेवलपर्स को प्रोटोटाइप डब्ल्यूटीजी स्थापित करने के लिए सुविधा प्रदान करेगी।
8. विंड टर्बाइन जनरेटर के रिपावरिंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा यानी पुराने, छोटे आकार के और अप्रभावी विंड टर्बाइन को पुनः ऊर्जावान करने तथा बड़े और अधिक प्रभावी टर्बाइन के साथ बदलने के लिए स्वीकृति दी जाएगी। रिपावरिंग के लिए क्षमता वृद्धि की कोई सीमा नहीं है।
9. इस पॉलिसी के तहत मौजूदा स्थापित विंड पावर प्लांट को या निर्माणाधीन स्टैंडअलोन विंड या सोलर पावर प्लांट को हाइब्रिड प्रोजेक्ट में रूपांतरित करने की सुविधा मिलेगी।
10. रिहायशी उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग में ली जाने वाली सौर ऊर्जा पर कोई बैंकिंग शुल्क लागू नहीं होगा, जबकि अन्य उपभोक्ताओं के लिए जीईआरसी द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाने वाला बैंकिंग शुल्क लागू होगा।
11. यह पॉलिसी जिन रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) पार्क को प्रोत्साहन देती है, उनमें सोलर पार्क, विंड पार्क और हाइब्रिड पार्क शामिल हैं।
12. नहरों, नदियों पर फ्लोटिंग सौर प्रोजेक्ट विकसित किए जा सकेंगे।
13. कैप्टिव पावर प्रोजेक्ट पर क्रॉस-सब्सिडी सरचार्ज और अतिरिक्त सरचार्ज लागू नहीं होगा।
14. डिस्कॉम प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए चयनित आरई प्रोजेक्ट्स से पावर खरीदने के लिए करार करेगा।
15. डिस्कॉम 4 मेगावाट तक के सौर प्रोजेक्ट्स से पिछले 6 महीनों में प्रतिस्पर्धी बोली के तहत किए गए अनुबंधित टैरिफ के साधारण औसत टैरिफ 0.20 रुपए प्रति किलोवाट टैरिफ पर बिजली खरीद सकता है, और 10 मेगावाट तक के विंड प्रोजेक्ट से साधारण औसत टैरिफ पर बिजली खरीद सकता है।
16. अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) कनेक्टेड प्रोजेक्ट द्वारा गुजरात से बाहर पावर का निर्यात किया जा सकेगा।
17. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत सिंगल वेब पोर्टल रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी-26 के ग्लासगो में आयोजित सम्मेलन में क्लाइमेंट चेंज, रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स में हो रही निरंतर गिरावट तथा प्रदूषण के कारण खड़ी हुई चुनौतियों को अवसर में बदल कर विकास के नए आयाम स्थापित करने पर जोर दिया है। इस उद्देश्य से उन्होंने हरित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग लगातार बढ़ाकर 2070 तक कार्बन उत्सर्जन नेट जीरो करने का संकल्प व्यक्त किया है।