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Science & Technology

क्या आप जानते है ट्रेन का अविष्कार किसने किया था

Date : 23-Oct-2023

ट्रेन आज दुनिया के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट साधन में गिना जाता है क्योंकि पूरी  दुनिआ में हर साल करोड़ों लोग सफर के लिए ट्रेन का उपयोग करते हैं। ट्रेन ने भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव किया है। ट्रेन से केवल यात्री ही नहीं बल्कि बहुत सी जरूरतमंद चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है जहा हर दिन करोड़ों लोग सफर करते हैं।

ट्रेन का आविष्कार किसने किया

Richard Trevithick ने ट्रेन का आविष्कार किया था। Richard Trevithick ने पहली बार 21 फरवरी 1804 में पहला भाप से चलने वाला इंजन बनाया था। हालाकि कुछ कारणों की वजह से इनका आविष्कार ज्यादा सफल नहीं हो पाया था लेकिन इनसे दूसरे लोगो को ट्रेन बनाने की प्रेरणा मिली थी। रिकर्ड ट्रेविथिक यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले एक पेशावर इंजीनियर हैं।

इसके बाद कई इंजीनियर लोगो ने ट्रेन बनाने का प्रयोग किया और विश्व की पहली सफल रेल 27 सितंबर 1825 को George Stephenson द्वारा बनाई गई थी। अपनी इस पहली सफल ट्रेन का नाम इन्होने लोकोमोशन रखा था George Stephenson भी पेशे से एक ब्रिटिश इंजीनियर थे।

इनके द्वारा बनाई गयी Train की रफ्तार 24 किलोमीटर प्रति घंटा थी इस पहली सफल ट्रेन में 450 यात्रियों ने इंग्लैंड के डार्लिंगटन और स्टॉकटन के बीच यात्रा की थी। इस तरह की सफलता ने स्टीफनसन को अपनी कंपनी की स्थापना करके यूनाइटेड किंगडम के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के अधिकांश देशों में रेलवे का काम करने के लिए प्रेरित किया था। आज के समय में 500 किलोमीटर प्रति घंटा चलने वाली बुलेट ट्रेन भी विश्व में देशों में चुकी है।

बुलेट ट्रैन का अविष्कार किसने किया

बुलेट ट्रैन का अविष्कार जापान के चीफ इंजीनियर हाइडो शीमा ने सन 1964 में किया था। हाइडो शीमा ने प्लेन की तरह उड़ान भरने वाली ट्रैन का सपना देखा था और उसे साकार करके दिखाया। इस ट्रैन का असली नाम शिंकासेन हैं लेकिन चूकी यह दिखने में और स्पीड में बुलेट की तरह हैं इसलिए इसका नाम बुलेट ट्रैन पड़ गया।

भारत में ट्रेन का इतिहास

भारत में सबसे पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चली थी। जिसे अंग्रेजों द्वारा चलाया गया था तब उसमें 400 लोग सफर कर रहे थे। और उसका  किराया 2 रुपए था। इस तरह से देखा जाए तो इंडिया में रेल का इतिहास काफी पुराना है हालाकि इतना पुराना इतिहास होने के बावजूद भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण आजादी के बाद साल 1951 में हुआ था। अब भारतीय रेल नेटवर्क इतना बड़ा हो गया है कि इसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में होती है।

ट्रेन का इतिहास

साल 1804 में जब रेल का आविष्कार हुआ है तब से लेकर आज तक ट्रेन के इतिहास में बहुत बदलाव चुका है। पहले 24 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से ट्रेनें चलती थी और आज के समय ट्रेन 300-500 किलोमीटर प्रति घंटा चलने लगी है और उसका नेटवर्क भी पूरे विश्व में फैल चुका है। 1837 पहले सारी ट्रेनें भाप से चलती थी जिसमें कोयले का उपयोग किया जाता था परंतु स्विजरलैंड में 1912 में डीजल से चलने वाला इंजन बनाया और विश्व को बहुत ही उपयोगी साबित हुआ। उसके बाद 1837 में बिजली और बैटरी से चलने वाली ट्रेनें भी गई और उसका सफल परीक्षण Robert Davidson के द्वारा किया गया। आज की ट्रेन है इतनी सुविधाजनक बन गई है कि आपको पता ही नहीं चलेगा कि आप ट्रेन में बैठे हैं या अपने घर पर बैठे हैं। भारत में सबसे पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चली थी। जिसे अंग्रेजों द्वारा चलाया गया था हालाकि भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण आजादी के बाद साल 1951 में हुआ था। अब भारतीय रेल नेटवर्क इतना बड़ा हो गया है कि इसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में होती है।

 
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