आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग - इंटरनेट | The Voice TV

Quote :

तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

Science & Technology

आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग - इंटरनेट

Date : 28-Oct-2023

 आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। आज पूरी दुनिया इंटरनेट के जरिए आपस में जुड़ी हुई है। अगर आज के समय में इंटरनेट थोड़े समय के लिए बंद कर दिया जाए तो पूरी दुनिया का काम ठप हो जाएगा। इंटरनेट दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यहां सभी नेटवर्क एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क है जो कई प्रकार की सूचना और संचार सुविधाएं प्रदान करता है। आपको बता दें कि इंटरनेट को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया था बल्कि इसे बनाने में कई वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स का योगदान था। आज दुनिया में करोड़ों लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन शायद बहुत से इंटरनेट उपयोगकर्ता यह नहीं जानते कि इंटरनेट का आविष्कार किसने किया? बता दें कि इंटरनेट की खोज किसने की?

इंटरनेट की खोज किसने की

इंटरनेट की खोज सबसे पहले विंट सेर्फ़ और बॉब कान (रॉबर्ट इलियट कान) ने की थी। आपको बता दें कि इंटरनेट को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया था बल्कि इसे बनाने में कई वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स का योगदान था। इंटरनेट की शुरुआत सबसे पहले अमेरिकी सेना ने पेंटागन अमेरिकी रक्षा विभाग में की थी। 1969 में ARPANet (Advanced Research Project Agency) नाम से एक नेटवर्किंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था। 1978 में, रॉबर्ट कान और विंटन सेर्फ़ ने TCP/IP (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल) बनाया। टीसीपी/आईपी एक प्रोटोकॉल है जो यह निर्धारित करता है कि एक नेटवर्क में दो या दो से अधिक कंप्यूटर एक दूसरे के साथ संपर्क कैसे स्थापित करेंगे। 1983 में, ARPAnet ने TCP/IP मॉडल को अपनाया और डेटा ट्रांसफर करने के लिए कई कंप्यूटरों का एक नेटवर्क बनाया, जिसने इंटरनेट युग की शुरुआत को चिह्नित किया।

 

इंटरनेट का प्रयोग और इस्तेमाल

इंटरनेट का प्रयोग सर्वप्रथम 1969 में किया गया था। इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे पहले DOD यानी रक्षा विभाग ने किया था। इंटरनेट का उपयोग सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा यूसीएलए और स्टैंडफोर्ड रिसर्च के Computer Network के माध्यम से किया गया था।

 

इंटरनेट पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक नियम या यूँ कहे कि एक नियम बनाया गया था, जिसे टीसीपी या आईपी के नाम से जाना जाता था। इसके बाद पहली बार इस इंटरनेट का इस्तेमाल ब्रिटिश पोस्ट ऑफिस में किया गया।

इस नेटवर्क को 1980 में ARPN यानी एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एंड एजेंसी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसके बाद 1980 में बिल गेट्स ने IBM के कंप्यूटरों पर एक माइक्रोसॉफ्टऑपरेटिंग सिस्टम स्थापित करने का सौदा किया और 1984 में Apple ने इन्टरनेट का सही से उपयोग करने के लिए पहली बार फ़ाइलों और फ़ोल्डरों, ड्रॉप डाउन मेनू, माउस, ग्राफिक्स का प्रयोग आदि से युक्तआधुनिक सफल कम्प्यूटरलांच किया।

 इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?

इंटरनेट को सरल शब्दों में कम्प्यूटरो का जाल कहते है। जो कई कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ने का काम करता है। कंप्यूटर के आने से दुनिया में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्रांति गई थी। कंप्यूटर का आविष्कार तेजी से फैल रहा था। और रक्षा समेत तमाम विभाग और कारोबार भी इसका इस्तेमाल करने लगे थे।

 

कंप्यूटर का क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा था। लेकिन एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत थी। जिससे दो या दो से अधिक कंप्यूटर को एक साथ जोड़ा जा सके। ताकि कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसफर अच्छी दूरी से भी संभव हो सके। यह इंटरनेट के आविष्कार की शुरुआत थी।

इंटरनेट का आविष्कार रक्षा के क्षेत्र से शुरू हुआ। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कंप्यूटर को अपनाना शुरू कर दिया था। इसलिए अब उन्हें ऐसी व्यवस्था की जरूरत थी। जिससे कंप्यूटर से डेटा और सूचना को स्थानांतरित किया जा सके। ऐसे में सरकार ने इसके लिए फंडिंग शुरू कर दी है।

इसी फंड की वजह से ARPANET की शुरुआत हुई थी। ARPANET की शुरुआत 19 अक्टूबर 1959 को हुई थी। यह एक ऐसी प्रणाली थी जिसके द्वारा कंप्यूटरों को आपस जोड़ा जा सकता था। लेकिन यह बहुत एडवांस नहीं था। इसमें सुधार हुआ। जब बॉब कान और विंट सर्फ ने टीसीपी/आईपी की स्थापना की। और यहीं से इंटरनेट की शुरुआत हुई।

इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है?

इंटरनेट का फुल फॉर्मइंटरकनेक्टेड नेटवर्कहै।

सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?

इंटरनेट की खोज सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग में की गई थी, जिसके बाद इसका इस्तेमाल किया गया। वैसे, खोज के अनुसार, अमेरिका में पहली बार इंटरनेट का उपयोग किया गया था। सबसे पहले सफल आधार पर उपयोग किया जाने वाला कार्य यूके पोस्ट ऑफिस में किया गया था।

भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था?

अगर हम बात करें कि भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था, तो इसके संदर्भ में आपको बता दें कि भारत में पहली बार इंटरनेट की सुविधा 14 अगस्त 1995 को शुरू की गई थी। विदेश संचार निगम लिमिटेड पहली कंपनी थी। जिसने भारत के लोगो को इन्टरनेट की सौगात दी थी।

देश में पहली बार इस कंपनी ने ब्रॉडबैंड के जरिए कंप्यूटर को कनेक्ट किया था। इस समय शुरुआत में कुछ ही ओग इंटरनेट से जुड़ पाते थे क्योंकि उस समय इंटरनेट की स्पीड बहुत कम थी। फिलहाल यह स्पीड एमबीपीएस में आती है लेकिन शुरुआत में यह स्पीड केबीपीएस या बीपीएस में आती थी।

 इंटरनेट किसने बनाया?

वैसे तो इंटरनेट बनाने का श्रेय अमेरिका के रक्षा विभाग को ही जाता है, लेकिन आपको उन महान लोगों के बारे में भी पता होना चाहिए। जिनके पास इसे बनाने के लिए दिमाग था।

इसका पूरा श्रेय अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक विंटन सेर्फ़ (Vinton cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) को जाता है। ये दोनों ही अमेरिका के मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक थे जिन्होंने दुनिया को इंटरनेट का दीवाना बना दिया।

जबकि 1989 में बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब की खोज की। यह वही प्लेटफॉर्म है जिसका उपयोग हम आज इंटरनेट एक्सेस करने के लिए कर रहे हैं। लेकिन एक बात आपको माननी होगी कि ARPANET और Vinton Cerf जैसे लोगों के बिना आज का इंटरनेट वह नहीं होता जो वह है।

 इसलिए किसी एक व्यक्ति को इंटरनेट के आविष्कार का पूरा श्रेय देना ठीक नहीं होगा, बल्कि हम सभी को उनके कार्यों को उचित दर्जा देना चाहिए। इन सभी महान लोगों की कड़ी मेहनत के कारण ही आज इंटरनेट संभव हुआ है।

 

WWW का आविष्कार किसने किया?

1991 में, ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) का आविष्कार किया। WWW एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर वेबसाइटों और हाइपरलिंक्स तक पहुंच सकते हैं।

 इंटरनेट शब्दावली

इंटरनेट से जुड़े कुछ सामान्य शब्द जिनका प्रयोग हम अक्सर बोलचाल की भाषा में करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही शब्द

एफ़टीपी एफ़टीपी एक सामान्य शब्द है जिसका मतलब है फ़ाइल स्थानांतरण प्रोटोकॉल। इसका उपयोग फाइलों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। यह एक मानक नेटवर्क है। इस सॉफ्टवेयर और इस शब्दावली का उपयोग क्लाइंट और सर्वर के बीच डेटा का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है।

आईपी पताआईपी का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल है| आईपी कंप्यूटर का एक पता है जिससे सर्वर के लोकेशन को पहचाना जाता है।

आईएसपी इंटरनेट की दुनिया में एक और बोलचाल का शब्द आईएसपी है। आईएसपी का पूरा नाम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है। एक सेवा कंपनी जो यूजर को इंटरनेट एक्सेस करने वाले होस्ट-कंप्यूटर पर एक खाता प्रदान करती है।

लैनलैन का पूरा नाम लोकल एरिया नेटवर्क है। यह एक ऐसा स्थानीय समूह है जो इंटरनेट की पहुंच एक निश्चित सीमा तक सुनिश्चित करता है। हम हर रोज इस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हम इस शब्द का अर्थ नहीं जानते हैं। हालांकि यह एक सामान्य शब्द है।

 इंटरनेट से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य

·       हम जिस इंटरनेट का उपयोग करते हैं वह पूरे इंटरनेट का केवल 5% है।

·       इंटरनेट पूरी तरह से मुफ़्त है और हम जो शुल्क देते हैं, वह इसके मैंटनेंस का खर्चा है।

·       विश्व का पहला E-mail 1971 में अमेरिका के कैम्ब्रिज में एक ही कमरे में रखे दो कंप्यूटरों के मध्य रे टॉमलिंसन नाम के एक इंजीनियर ने भेजा था।

·       दुनिया का पहला वायरस लता क्रीपर पर खोजा गया था? यह 1970 के दशक की शुरुआत में इंटरनेट से पहले आया था।

·       ईमेल वर्ल्ड वाइड वेब से पहले बनाया गया था।

·       आज भी दुनिया की कुल आबादी का 40% इंटरनेट का इस्तेमाल करता है।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement