कृषि विज्ञान केंद्र के द्धारा किसानो और ग्रामीण युवक व युवतियो को प्राकृतिक खेती को बढावा देने को लेकर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।उक्त जानकारी देते केन्द्र मृदा विशेषज्ञ डा.आशीष राय ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 व जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम के तहत केविके परसौनी द्धारा तीन दिवसीय प्राकृतिक खेती और मोटा अनाज उत्पादन विषय पर ग्रामीण युवकों और युवतियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये।जिसके तहत उन्हे प्राकृतिक अवयव के द्वारा मोटे अनाज का उत्पादन करने की बारीकीयो और तरीके की जानकारी दी गई।
बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्राकृतिक खेती और मोटा अनाज के खेती के प्रति उत्सुकता बढाना है।वही केन्द्र के डाॅ अंशू गंगवार ने बताया कि प्रशिक्षण में जुड़े युवाओं को पहले दिन प्राकृतिक खेती के अंतर्गत गंगा पिपरा गांव में जीवामृत, पंचगव्य आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। जिसमें मृदा विशेषज्ञ आशीष राय ने अपने सहयोगी अंशू गंगवार और रुपेश कुमार के सहयोग से घनामृत, पंचगव्य और जीवामृत जैसे माध्यम से प्राकृतिक खेती कर मोटा अनाजों का उत्पादन और भविष्य में इसके उपयोग की जानकारी दी गई,साथ ही प्राकृतिक खेती और मोटे अनाज का मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है इसकी जानकारी दी गई।
इस दौरान प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती के घटकों जैसे पंचगव्य, जीवामृत आदि को सजीव तरीके से बना करके दिखाया गया और साथ ही साथ प्रशिक्षणार्थियों से सब्जी और फल के पौधों को भी लगवाया गया और उसमें पानी की जगह जीवामृत को डालकर अनुभव प्राप्त किया।बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने सभी प्रतिभागियो को सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा।इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियो को समूह में प्राकृतिक तरीके से मोटा अनाज उत्पादन करने को लेकर संकल्प भी दिलाई गई।सभी ने भविष्य में अपने परिवार के खाने भर को लेकर प्राकृतिक खेती के माध्यम से खेती करने का संकल्प लिया,ताकि उनका परिवार और बच्चे और आने वाली पीढ़ियां स्वस्थ रहें।