कोशिका की खोज वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने की थी। वर्ष 1665 में इंग्लैंड के वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक जब बोतल के कॉर्क का अध्ययन कर रहे थे । तब सूक्ष्मदर्शी से अध्ययन करते समय उन्होंने कॉर्क की मृत कोशिकाओं को देखा। इसे पादप कोशिका कहते हैं। कोशिकाओं की खास बात यह है कि यह अपने आप की संख्या बाधा सकते हैं। कोशिका को अंग्रेजी में सेल (Cell) कहते हैं।
कोशिका की खोज
1665 में रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की। उन्होंने अनपढ़ सूक्ष्मदर्शी का उपयोग करके कोशिका को कॉर्क के एक पतले टुकड़े के माध्यम से देखा। उन्होंने पाया कि कॉर्क कई छोटी खाली कोशिकाओं से बना होता है और इसकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते के समान होती है।
कोशिका सभी जीवित चीजों का मूलभूत निर्माण खंड है और अक्सर आत्म-प्रतिकृति की क्षमता रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का सबसे नन्हा संरचित रूप है जहां सभी प्रक्रियाएं जो हम आम तौर पर जीवन के रूप में संदर्भित करते हैं, होती हैं। कोशिका पर महत्वपूर्ण जानकारी निम्नलिखित हैं,
कोशिका के अस्तित्व के बारे में सबसे पहले अंग्रेज वैज्ञानिक रोबर्ट हुक ने पता लगाया है।
कई जीव में केवल एक ही कोशिका होती है, जिन्हें एक कोशिकीय जीव कहते हैं।
बहुकोशिकीय जीव में एक से अधिक तरह की कोशिकाएं होती हैं, जैसे कि मनुष्य।
साल 1665 में रोबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की थी।
वर्ष 1839 में श्लाइईडन तथा स्वान ने कोशिका के सिद्धांत को दुनिया के सामने रखा।
कोशिका की खोज किसने और कैसे की?
रोबर्ट हुक (Robert Hooke) ने कोशिका की खोज की थी। उन्होंने बोतल की कॉर्क का अध्यन करने के दौरान कोशिका के अस्तित्व का पता लगाया। उन्होंने 1665 ई. में कोशिका की स्थापना की। दूसरी ओर, स्लेडेन और श्वान ने 1839 में कोशिका सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसके अनुसार सभी जीवित प्राणी एक या एक से अधिक कोशिकाओं से बने होते हैं।