नई दिल्ली. मेटा ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट के एक नेटवर्क को हटा दिया है. इन्हें साइबररूट रिस्क एडवाइजरी नामक एक भारतीय फर्म द्वारा संचालित किया जा रहा था. यह नेटवर्क लगभग 40 अकाउंट चला रहा था और यह सभी सोशल इंजीनियरिंग और फिशिंग में लगे हुए थे. इन अकाउंट का इस्तेमाल फर्म लोगों को बरगलाने और ठगी के लिए करती थी. फर्म की हैकिंग एक्टिविटीज कजाकिस्तान, जिबूती, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और आइसलैंड जैसे देशों में व्यापार अधिकारियों, वकीलों, डॉक्टरों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और पादरी के सदस्यों पर केंद्रित थी.
बता दें कि साइबररूट रिस्क एडवाइजरी दूसरी भारतीय फर्म है जिस पर मेटा ने लोगों के फोन, कंप्यूटर और ऑनलाइन अकाउंट, सोशल मीडिया अकाउंट या ईमेल को हैक करने के फर्जी अकाउंट को संचालित करने के लिए कार्रवाई की है. साइबररूट ग्लोबल सर्विलेंस फॉर-हायर उद्योग का हिस्सा है जो इंटरनेट पर लोगों को खुफिया जानकारी एकत्र करने और उसमें हेरफेर करने के लिए उनके डिवाइसों और अकाउंटों को टेरगेट करती है.
200 देशों के लोगों को निशाना बनाया
ये फर्म उस विशाल उद्योग का हिस्सा है, जो ग्राहक को ऐसे सॉफ्टवेयर, डिवाइस और सर्विलेंस सेवाएं प्रदान करती हैं जो आमतौर पर विपक्षी राजनेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और प्रतिद्वंद्वी व्यवसायों के खिलाफ उपयोग की जाती हैं. मेटा ने कहा कि पिछले साल से उसने चीन, रूस, इजराइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत सहित दुनिया भर के स्पाइवेयर विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने लगभग 200 देशों में लोगों को निशाना बनाया है.
फर्जी अकाउंट बनाए
उल्लेखनीय है कि मेटा ने साइबररूट की गतिविधियों को लेकर विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी है. कंपनी ने बस इतना कहा है कि इस फर्म ने दुनिया भर में टारगेट लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल किया है. मेटा ने कहा कि अधिक विश्वसनीय दिखने के लिए कंपनी ने पत्रकारों, व्यावसायिक अधिकारियों और मीडिया हस्तियों के फर्जी अकाउंट बनाए. कुछ मामलों में साइबररूट ने ऐसे खाते भी बनाए जो उनके टारगेट से जुड़े अकाउंट के काफी समान थे.
स्पूफ डोमेन का इस्तेमाल
साइबररूट द्वारा संचालित नेटवर्क जीमेल, जूम, फेसबुक, ड्रॉपबॉक्स, याहू, वनड्राइव और टारगेट के कॉर्पोरेट ईमेल सर्वर सहित प्रमुख ईमेल प्रोवाइडर्स, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फाइल शेयरिंग टूल्स स्पूफ डोमेन में थे. इन डोमेन का उपयोग इन सेवाओं पर टारगेट के ऑनलाइन अकाउंट में लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुराने के लिए किया गया था.इन कंपनियों को किया टारगेट
मेटा ने कहा कि हमने जांच में पाया कि साइबररूट दुनिया भर के लोगों को लक्षित करता है. यह ऑस्ट्रेलिया में कॉस्मेटिक सर्जरी और कानून फर्मों सहित उद्योगों पर काम कर रहा है. इसके अलावा यह रूस में रियल एस्टेट और निवेश कंपनियां, अमेरिका में निजी इक्विटी फर्म और दवा कंपनियां, पर्यावरण और विरोधी- अंगोला में भ्रष्टाचार कार्यकर्ता, यूके में गेम्बलिंग संस्थाएं और न्यूजीलैंड में खनन कंपनियां भी इसके निशाने पर थीं.