सरकार ने देशभर में नवाचार, अनुसंधान, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई राष्ट्रीय मिशन और योजनाएं शुरू की हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संसद को जानकारी दी कि इन पहलों के जरिए युवाओं, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों को एक मजबूत और सहयोगी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है।
मंत्रालय ने लिखित उत्तर में बताया कि इस दिशा में एक प्रमुख पहल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के नेतृत्व में अनुसंधान, विकास एवं नवाचार (RDI) योजना है। छह वर्षों की अवधि में ₹1 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली इस योजना का उद्देश्य अनुसंधान एवं नवाचार में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना, डीप-टेक और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों को समर्थन देना, परिवर्तनकारी परियोजनाओं का वित्तपोषण करना और डीप-टेक फंड के निर्माण को सुगम बनाना है। यह योजना ऊर्जा संक्रमण, जलवायु परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, चिकित्सा उपकरण और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित है।
इसके अलावा, सरकार आठ वर्षों के लिए ₹6,003.65 करोड़ के बजट के साथ राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) लागू कर रही है। इस मिशन के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, संवेदन और सामग्री जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी मद्रास (सी-डॉट के सहयोग से), आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी दिल्ली में चार विषयगत केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र प्रौद्योगिकी विकास, मानव संसाधन प्रशिक्षण, उद्यमिता और उद्योग सहयोग को सशक्त बना रहे हैं। क्वांटम स्टार्टअप्स के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और अब तक सात स्टार्टअप्स को सहायता दी जा चुकी है।
मंत्रालय ने बताया कि अंतरविषयक साइबर-फिजिकल सिस्टम्स पर राष्ट्रीय मिशन (NM-ICPS) को ₹3,660 करोड़ के परिव्यय के साथ स्वीकृति दी गई है। इसके अंतर्गत देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में 25 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो एआई, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा, क्वांटम प्रौद्योगिकी और फिनटेक जैसे क्षेत्रों पर कार्य कर रहे हैं। इस मिशन से अब तक 800 से अधिक स्टार्टअप लाभान्वित हुए हैं।
राष्ट्रीय नवाचार विकास और संवर्धन पहल (NIDHI) कार्यक्रम के माध्यम से डीएसटी स्टार्टअप्स को विचार चरण से लेकर व्यावसायीकरण तक समग्र सहायता प्रदान कर रहा है। इसमें प्रोटोटाइपिंग अनुदान, इनक्यूबेशन समर्थन, सीड फंडिंग और एक्सेलरेशन सहायता शामिल है।
मंत्रालय ने बताया कि अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान (ANRF) विभिन्न प्रौद्योगिकी तत्परता स्तरों (TRL) पर अनुसंधान का समर्थन कर उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत कर रहा है। ANRF प्रारंभिक चरण के अनुसंधान को TRL-4 तक वित्तपोषित करता है, जबकि RDI योजना TRL-4 से आगे की परियोजनाओं को समर्थन देती है, जिससे प्रयोगशालाओं से बाजार तक तकनीक के सुगम हस्तांतरण में मदद मिलती है।
वर्ष 2016 में शुरू किया गया अटल इनोवेशन मिशन (AIM) भी नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसके तहत देशभर के स्कूलों में 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई हैं, जो कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों में नवाचार और समस्या-समाधान की सोच को प्रोत्साहित करती हैं। इनमें से लगभग 56 प्रतिशत लैब ग्रामीण क्षेत्रों में और 1,175 से अधिक आकांक्षी जिलों में स्थित हैं।
इसके अलावा, विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और कॉरपोरेट संगठनों में 72 अटल इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं, जो स्टार्टअप्स को बुनियादी ढांचा, मार्गदर्शन, वित्तपोषण और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करते हैं। डीएसटी ने निधि टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर्स के माध्यम से भी शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को समर्थन दिया है। अब तक 85 निधि टीबीआई और समावेशी टीबीआई स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें टियर-2 और टियर-3 शहरों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
युवा वैज्ञानिक प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार INSPIRE जैसी योजनाओं के जरिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। 2022–23 से 2025–26 (नवंबर 2025 तक) के बीच 11,700 से अधिक INSPIRE फेलो और 1,170 से अधिक INSPIRE फैकल्टी फेलो लाभान्वित हुए हैं, जिन पर ₹730 करोड़ से अधिक का व्यय किया गया है।
INSPIRE योजना का उद्देश्य विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में मेधावी युवाओं को आकर्षित करना, उनका पोषण करना और उन्हें बनाए रखना है। यह योजना स्कूली स्तर से लेकर पोस्ट-डॉक्टोरल स्तर तक चार घटकों—INSPIRE इंटर्नशिप, उच्च शिक्षा के लिए INSPIRE स्कॉलरशिप (SHE), INSPIRE फेलोशिप और INSPIRE फैकल्टी फेलोशिप—के माध्यम से लागू की जा रही है।
इसके अतिरिक्त, ANRF युवा शोधकर्ताओं को प्रधानमंत्री प्रारंभिक कैरियर अनुसंधान अनुदान और राष्ट्रीय पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप जैसी योजनाओं के माध्यम से भी सहायता प्रदान कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि ये सभी पहलें मिलकर भारत के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के लिए एक सशक्त नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
