आज के समय में स्मार्टफोन और उसका चार्जर रोजमर्रा की जरूरत बन चुके हैं। लेकिन अधिकांश लोग यह जांचना भूल जाते हैं कि वे जिस चार्जर का उपयोग कर रहे हैं, वह असली है या सस्ता नकली विकल्प। कम गुणवत्ता वाले चार्जर न सिर्फ आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि कई मामलों में गंभीर हादसों—जैसे आग लगना या फोन फटना—का कारण भी बन चुके हैं। इसलिए सही और नकली चार्जर में फर्क समझना बेहद जरूरी है।
नकली चार्जर क्यों होते हैं खतरनाक?
दिखने में ओरिजिनल जैसे लगने वाले फर्जी चार्जर अंदर से बेहद कमजोर होते हैं। इनमें घटिया गुणवत्ता का हार्डवेयर उपयोग किया जाता है, जिससे:
- बैटरी की हेल्थ तेजी से गिरती है
- चार्जिंग धीरे होती है
- ओवरहीटिंग और शॉर्ट सर्किट का खतरा कई गुना बढ़ जाता है
यही वजह है कि इनसे फोन फटने या जलने की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
कैसे पहचानें कि आपका चार्जर असली है?
1. लोगो और मार्किंग पर ध्यान दें
ओरिजिनल चार्जर पर साफ ब्रांड नेम, मॉडल नंबर और सही प्रिंटिंग होती है। लिखावट धुंधली, गलत फोंट या फीके रंग दिखें तो सतर्क हो जाएं।
2. वजन और प्लास्टिक क्वालिटी
कंपनी के असली चार्जर सामान्यतः ठोस और थोड़े भारी होते हैं। हल्के, सस्ते और कमजोर प्लास्टिक वाले चार्जर नकली होने की संभावना रखते हैं।
3. चार्जिंग परफॉर्मेंस और हीट
उच्च गुणवत्ता वाला चार्जर स्थिर गति से चार्ज करता है और ज्यादा गर्म नहीं होता। अगर चार्जर तेजी से गर्म होने लगे या फोन धीरे चार्ज हो, तो यह विश्वसनीय नहीं है।
4. केबल और पोर्ट की फिनिशिंग
ओरिजिनल केबल मजबूत, टिकाऊ और अच्छी क्वालिटी की होती है। USB पोर्ट ठीक से फिट होते हैं और आसानी से ढीले नहीं पड़ते।
सावधानी क्यों जरूरी है?
कम कीमत का लालच अक्सर भारी नुकसान कर सकता है। गलत चार्जर आपके फोन को खराब कर सकता है, साथ ही आपकी सुरक्षा को भी जोखिम में डाल देता है। हमेशा विश्वसनीय ब्रांड और प्रमाणित दुकानों से ही चार्जर खरीदें।
