नेपाल के नवलपरासी पश्चिम जिले में रामग्राम नगर पालिका के वार्ड 18 में पंडितपुर में हाल ही में हुई खुदाई में बुद्ध काल की संरचनाएं और अन्य पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। इस खोज ने पंडितपुर को नेपाल की सबसे महत्वपूर्ण प्राचीन बस्तियों में से एक के रूप में स्थापित किया है। पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में उन जगहों से कलाकृतियां मिलीं, जिनकी पहचान पहले जियोफिजिकल सर्वे के जरिए की गई थी।
तांबे के सिक्कों की बहुतायत
पुरातत्वविद् भास्कर ज्ञवाली के अनुसार, इस साल की खुदाई में प्राचीन दीवारें, मिट्टी के बर्तन, छोटे जानवरों की मूर्तियाँ और गहने, साथ ही कुषाण काल के बड़ी संख्या में तांबे के सिक्के मिले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सालों में इसी इलाके में बुद्ध काल के एक शहर की संरचनाएं मिली थीं, यही वजह है कि पंडितपुर को हमेशा से एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता रहा है। पिछली खुदाई में एक भूमिगत गोलाकार शहर की संरचना का पता चला था। इन अवशेषों में बुद्ध के समय के सिक्के और मूर्तियाँ शामिल थीं, जिनके नमूने वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए यूनाइटेड किंगडम भेजे गए थे। विभाग के अनुसार, परीक्षणों से पुष्टि हुई कि ये संरचनाएं 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व, यानी लगभग 2600 साल पुरानी हैं, जो उन्हें सीधे बुद्ध काल से जोड़ती हैं।
पंडितपुर लगभग 60 बीघा (लगभग 15 एकड़) में फैला हुआ है और वर्तमान में इसमें आवासीय और कृषि भूमि शामिल है। हालांकि, उचित संरक्षण के लिए भूमि अधिग्रहण आवश्यक है, लेकिन बजट की कमी के कारण यह प्रक्रिया रुकी हुई है। रामग्राम विकास कोष ने सरकार से पंडितपुर को प्राथमिकता देने और खोजे गए अवशेषों के संरक्षण को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। स्थानीय निवासी भी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
रामग्राम नगर पालिका के मेयर धनपत यादव ने कहा कि पंडितपुर और रामग्राम स्तूप को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार और लुम्बिनी विकास ट्रस्ट से मंजूरी की आवश्यकता है। 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के अवशेषों की पुष्टि करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि पंडितपुर एक महत्वपूर्ण बस्ती रही होगी, संभवतः प्राचीन कोलिया गणराज्य की राजधानी, और यह बुद्ध काल से लेकर मुगल काल तक लगातार आबाद रहा होगा।
