मध्यप्रदेश की सौर ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी | The Voice TV

Quote :

तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

Science & Technology

मध्यप्रदेश की सौर ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी

Date : 05-Sep-2023

 मध्यप्रदेश में निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले दशक में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी है। यह राज्य की स्थापित क्षमता का लगभग 24 प्रतिशत है। सौर ऊर्जा क्षमता 52 प्रतिशत बढ़ी है। वर्तमान में 1000 मेगावॉट क्षमता के सौर पार्क संचालित हैं और 1778 मेगावॉट के पार्क जल्द ही शुरू हो जाएंगे। साथ ही 3350 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाएं लागू होने की प्रारंभिक स्थिति में हैं। यह जानकारी सोमवार को जनसम्पर्क अधिकारी सुनीता दुबे ने दी।

उन्होंने बताया कि इनमें एक हजार मेगावॉट क्षमता की सोलर पार्क परियोजनाएं, 250 मेगावॉट मंदसौर सोलर पार्क, 750 मेगावॉट रीवा सोलर पार्क शामिल हैं, रीवा मेगा पार्क को नवाचारी प्रयासों की वजह से कई पुरस्कार मिले। इसने प्रति इकाई 2.97 रुपये की न्यूनतम मूल्य दर हासिल की। इसे विश्व बैंक के प्रेसीडेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1778 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं में 1500 मेगावॉट की आगर मालवा, शाजापुर और नीमच सोलर पार्क और 500 मेगावॉट की नीमच पार्क परियोजना शामिल हैं। भविष्य की परियोजनाओं में विश्व के सबसे बड़े ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगावॉट फ्लोटिंग का सोलर पार्क शामिल है। इससे साल के अंत तक पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 3350 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाओं में 1400 मेगावॉट की मुरैना और 450 मेगावॉट की छतरपुर पार्क और बीरसिंहपुर जलाशय, इंदिरा सागर जलाशय और गांधीसागर जलाशय में 1500 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर परियोजनाएं शामिल हैं।

अच्छी शुरुआत

मध्यप्रदेश विद्युत की कमी की स्थिति को समाप्त कर भरपूर बिजली उपलब्धता की स्थिति में आ गया है। अब सबके लिए ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति हासिल करने का प्रयास कर रहा है।

मध्यप्रदेश ने व्यापक लोकहित में सोलर ऊर्जा के दोहन की अच्छी शुरुआत की है। थोड़े ही समय में, मध्यप्रदेश भारत के नवकरणीय ऊर्जा के नक्शे पर चमक रहा है। कई रिकॉर्ड बने हैं और अब इतिहास बन रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुस्पष्ट नीतियों और मजबूत नेतृत्व के साथ मध्यप्रदेश भारत की नवकरणीय ऊर्जा का मुख्य केंद्र बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है।


भविष्य के लिए ऊर्जा सबकी चिंता है। मानव संसाधन और उद्योगों के लिए ऊर्जा की मांग को पूरा करने की वैश्विक चुनौती है। इसलिए हरित ऊर्जा का संरक्षण करते हुए उपयोग करना एक मात्र समाधान है।
 

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement