बरसात के दिनों आकर्षक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता हैं लातेहार Date : 17-Sep-2024 लातेहार को खूबसूरत झरनों व पहाड़ों के लिए जाना जाता है. अगर यह कहें कि प्रकृति ने लातेहार को अपनी सारी नेमतों से नवाजा है तो गलत नहीं होगा. यूं तो जिले के लोध फॉल व सुग्गा बांध की खुबसूरती को शब्दों में बंया करना मुश्किल है. लेकिन बरसात के दिनों में इसकी खूबसूरती को मानो चार चांद लग जाते हैं. विगत कई दिनों से हो रही बारिश के कारण लोध फॉल और सुग्गा बांध में पानी उफान पर है और यही इसके सौंदर्य को बढ़ा रहा है. यही कारण है कि बरसात के दिनों में यहां काफी संख्या में सैलानी आते हैं. लेकिन पर्यटन के साथ ही साथ पर्यटकों को एहतियात बरतने की भी जरूरत है. झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 100 किलोमीटर दूर लातेहार जिला के महुआडांड़ अनुमंडल में लोध जलप्रपात एक दर्शनीय और मनोरम स्थल है. महुआडांड़ से 15 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पश्चिम दिशा में अवस्थित यह जल प्रपात झारखंड राज्य का सबसे ऊंचे जलप्रपातों में यह शुमार है. बुढ़ा नदी पर अवस्थित होने के कारण इसे बुढ़ा घाघ भी कहते हैं. यहां तकरीबन 150 मीटर की ऊंचाई से नीचे पानी गिरता है. इतनी उंचाई से गिरते पानी को देखने पर लगता है कि यहां चांदी की कोई परत पड़ी हो. जिस स्थान पर पानी गिरता है वह समुद्रतल से 800 मी. की ऊंचाई पर है. नसान निर्जन वनों के बीच है सुग्गा बांध बेतला व नेतरहाट के बीच महुआडांड़ से 28 किलोमीटर व बारेसाढ़ थाना से सात किलोमीटर की दूरी पर यह जल प्रपात स्थित है. बेतला नेशनल पार्क से इसकी दूरी लगभग 50 किमी की है. यहां निजी वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है. अपने अंदर पर्यटन असीम संभावना समेटे सुग्गा बांध चारों ओर ऊंची पहाड़ियों से घिरा है. तकरीबन 100 फीट की ऊंचाई से पानी की अविरल धारा चट्टानों पर गिरती है. लगातार बारिश के कारण नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है. नदियों का जल स्तर बढ़ने से लोध फॉल और सुग्गा बांध जल प्रपात का बहाव काफी तेज एवं भयावह हो गया है. भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है. सभी नदिया उफान पर है. पानी की तेज और मोटी धार फॉल से गिर रहा है मगर इन सब के बीच लोध फॉल और सुग्गा बांध फॉल घूमने जाने वालों को पानी के नजदीक जाना काफी खतरनाक भी हो गया है. पीटीआर के उपनिदेशक कुमार आशीष ने लोगो से एहतियात बरतने की अपील किया है. कहा कि बारिश से नदियां उफान पर हैं, ऐसे में सतर्कता के साथ जायें. सेल्फी के चक्कर में तेज धारा के पास जाने से परहेज करें. सुग्गा बांध तक पहुंचने के लिए आवागमन सुगम नहीं होने के कारण सैलानी वहां आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं. यहां तक पहुंच पथ को सृदृढ़ करना आवश्यक है. इसके अलावा सैलानियों को बैठने एवं ठहरने की व्यवस्था यहां हो जाने से सैलानियों को यहां आकर्षित किया जा सकता है.