पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से होम स्टे योजना के तहत सरकार इन जिलों में कर रही खास व्यवस्था
Date : 21-Sep-2024
बिहार के गांवों में रहने वाले लोग अब सिर्फ अपने खेत-खलिहानों तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि उनके दरवाजे से ही प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी. पर्यटन विभाग की तरफ से एक ऐसी योजना की शुरुआत की है जो न सिर्फ ग्रामीणों को रोजगार के अवसर देगी, बल्कि पर्यटकों को बिहार के दिल तक पहुंचाएगी. होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना के जरिए अब पर्यटक सिर्फ घूमने नहीं आएंगे, बल्कि वे यहां की मिट्टी, संस्कृति और लोगों के साथ सीधा जुड़ाव महसूस करेंगे |
होम स्टे योजना के तहत ग्रामीण अपने घरों को होटल की तर्ज पर विकसित कर सकते हैं और पर्यटकों से एक निर्धारित रेट वसूल सकते हैं. इससे न केवल ग्रामीणों की आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि पर्यटकों को भी ग्रामीण संस्कृति, खान-पान और जीवनशैली का अनुभव मिलेगा. यह पहल पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी |
इन 15 जिलों में योजना की शुरुआत
पहले चरण में इस योजना को 15 जिलों में लागू किया गया है, जिनमें सीतामढ़ी, गया, नालंदा, वैशाली, भागलपुर, पश्चिम चंपारण, जहानाबाद, नवादा, पूर्वी चंपारण, जमुई, बांका, औरंगाबाद, रोहतास, मुंगेर और कैमूर शामिल हैं. इन जिलों के 29 प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र इस योजना से सीधे लाभान्वित होंगे |
इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य 1000 कमरों को पर्यटन के अनुरूप विकसित करना है. इसमें ग्रामीण अपने घरों को होम स्टे के रूप में विकसित कर सकेंगे, जहां पर्यटक रुक सकेंगे और स्थानीय अनुभवों का आनंद ले सकेंगे. महत्वपूर्ण यह है कि मकान मालिक जिस घर में रह रहे हैं, उसी को होम स्टे के रूप में विकसित करना होगा. इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अपने घर से ही आय का एक स्थायी स्रोत मिल सकेगा |
योजना के अंतर्गत ग्रामीण 1 से 6 कमरे तक को होम स्टे के रूप में विकसित कर सकते हैं. शहरी क्षेत्रों में 5 किलोमीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले घरों को इस योजना में शामिल किया जाएगा. इसके लिए सरकार की ओर से मकान मालिकों को बैंक से लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी. 2.5 लाख रुपए तक का लोन प्रति कमरे के लिए मिलेगा, और यदि कोई 6 कमरे तक का होम स्टे बनाना चाहता है, तो उसे 15 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध होगा |
इस लोन का ब्याज 5 साल तक राज्य का पर्यटन विभाग वहन करेगा, जिससे ग्रामीणों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े. यह योजना न सिर्फ ब्याज मुक्त है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और रोजगार के अवसरों को भी प्रोत्साहित करती है |
प्रमुख पर्यटन स्थल
पहले चरण में शामिल किए गए पर्यटन स्थलों में पुनौरा धाम, महाबोधी मंदिर, विष्णुपद मंदिर, डुंगेश्वरी मंदिर, नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर, विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर, वाल्मिकी टाइगर रिजर्व, बराबर की गुफाएं और कई अन्य स्थल शामिल हैं. ये स्थल न केवल बिहार के सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनते जा रहे हैं |
इस योजना से बिहार के पर्यटन क्षेत्र को नया आयाम मिलने की उम्मीद है. राज्य सरकार का मानना है कि होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना से न केवल ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि बिहार के पर्यटन को भी वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी |