नेपाल में हिंसा पर भारत की सतर्क निगाह: प्रधानमंत्री ने सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता, नेपाल जाने वाली उड़ानें रद्द
नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने नेपाल की स्थिति को “हृदयविदारक” बताया और देश में शांति, स्थिरता और समृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नेपाल के नागरिकों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील की।
नेपाल में उथल-पुथल का हवाई सेवाओं पर असर
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इसके चलते एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और नेपाल एयरलाइंस सहित कई विमानन कंपनियों ने काठमांडू के लिए उड़ानें रद्द कर दी हैं।
इंडिगो ने एक बयान में कहा कि सभी उड़ानें 10 सितंबर दोपहर 12 बजे तक रद्द कर दी गई हैं। एयर इंडिया की एक उड़ान, जो दिल्ली से काठमांडू जा रही थी, लैंडिंग के अंतिम चरण में विमान में धुआं देखे जाने के बाद वापस दिल्ली लौटा दी गई। एक अन्य उड़ान को लखनऊ की ओर मोड़ने के बाद दिल्ली वापस लाया गया।
भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा सलाह
सरकार ने नेपाल में रह रहे और यात्रा की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने और जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक नेपाल की यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। भारतीय दूतावास द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर हैं:
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+977 – 980 860 2881
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+977 – 981 032 6134
साथ ही, भारतीय नागरिकों को स्थानीय अधिकारियों और काठमांडू स्थित दूतावास द्वारा जारी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
सीमा सुरक्षा कड़ी
नेपाल में अशांति को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, खासकर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, पानीटंकी, पशुपतिनगर और कंकरविट्टा क्षेत्रों में। पश्चिम बंगाल पुलिस के उच्च अधिकारियों ने सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। सशस्त्र सीमा बल (SSB) और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी तैनात किया गया है।
निष्कर्ष:
नेपाल में जारी राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता के चलते भारत ने उच्चस्तरीय सतर्कता अपना ली है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हुई CCS बैठक, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ोतरी और नागरिकों को जारी यात्रा परामर्श यह दर्शाता है कि भारत पड़ोसी देश की स्थिरता को गंभीरता से ले रहा है।