विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय विश्व स्तर पर गहरी अनिश्चितताओं का दौर है, जिसमें रणनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियाँ दोनों बढ़ रही हैं। ऐसे में, भारत और जर्मनी पर वैश्विक व्यवस्था को स्थिर करने तथा शांति, प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
जर्मन एकता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में अपने संबोधन के दौरान, डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह लक्ष्य दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और पारस्परिक रूप से लाभकारी एजेंडे को आगे बढ़ाकर हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद जर्मनी द्वारा लिए गए स्पष्ट और दृढ़ रुख की सराहना की। डॉ. जयशंकर ने बताया कि उनके जर्मन समकक्ष, जोहान वेडफुल, लगातार भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों और आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि भारत की नीति आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की रही है।
इसके साथ ही विदेश मंत्री ने भारत-जर्मनी के बीच बढ़ते व्यापार और निवेश को लेकर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूरोपीय संघ के साथ भारत की चल रही व्यापार वार्ताओं में जर्मनी एक अहम भूमिका निभा रहा है।
