भारत के सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में संपूर्ण भारत में किसी भी राजघराने परिवार से प्रथम महिला बलिदान 20 मार्च सन् 1858 वीरांगना क्षत्राणी..रानी अवंतीबाई लोधी का रहा है....(क्योंकि झाँसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान 18 जून 1858 को और बेगम हजरत महल की मृत्यु 7 अप्रैल 1879 को हुई थी ) आज उनके बलिदान दिवस पर शत् शत् नमन है |
अब हकीकत क्या है?
रानी अवंतीबाई लोधी ने अंग्रेजों से लगातार 9 माह संघर्ष किया है.. जिसमें 6 प्रमुख युद्ध लड़े(देवहारगढ़ के जंगलों में छापामार युद्धों के अतिरिक्त) .. जिसमें 5 युद्धों में अंग्रेजों के धूल चटाई.. 4 माह तक मंडला डिप्टी कमिश्नरी में अंग्रेजों को अपदस्थ कर शासन चलाया। 20 मार्च 1858 को छठवें प्रमुख युद्ध में अपनी अंगरक्षिका गिरधाबाई के साथ स्वत:प्राणोत्सर्ग कर स्वतंत्रता संग्राम में पूर्णाहुति दी..अद्भुत एवं अद्वितीय प्रकाशन के लिए लिए नई दुनिया समाचार पत्र का आभार..नई दुनिया समाचार पत्र के वरेण्य पत्रकार श्रीयुत तरुण मिश्रा एवं उदीयमान पत्रकार श्रीयुत दीपक जैन जी का अनंत कोटि आभार। विस्तार से आलेख अविलंब आज ही प्रेषित होगा।
लेखक:- डाॅ आनंद सिंह राणा